Prachi Maheshwari   (Prachi)
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Joined 17 February 2018


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Joined 17 February 2018
7 OCT 2022 AT 2:17

Ok,so lets talk about
Not so unusual trait,
What will you do,
When your heart loves a person
But
Your mind hates.

No matter,
How much you ignore,
You'll always have a soft corner
In your heart,
And even after a million tries,
You'll never be able to
Pull yourself apart.

So,what about
I simply go and confess?
Haha
This thought
Will always going to supress.

Will you follow your heart?
Or listen to brain?
I'll tell you
You will just overthink
And all your energy is going to drain.

-


7 OCT 2022 AT 2:12

मन कि तिजोरी में
शब्दों का खजाना है,
बहुत चाहत है,
ये बस तुम पर लुटाना है।

लेकिन निर्मोही से ये शब्द,
तुमसे मुख मोड़ लेते है,
हज़ार कोशिशों के बाद भी,
अपना इरादा छोड़ देते है।

पर इस कलम को भी,
तुम्ही से एतबार है,
इस कोरे पन्ने को भी,
शायद तुम्हारा ही इंतजार है।

गुलाब के खातिर,
तो काटे भी सह जायेंगे,
बस तुम एक इशारा करो,
ये शब्द भी तुम्हारे हो जाएंगे।

-


13 SEP 2022 AT 1:14

हसी हो मौसम,रंगीन हो समा,
चाय बिन फिर दिल को राहत कहा,
इन खुश्क लबों पर,हर्फ मीठा पान हो जाए?
मौसमी तलब वालो,
चलो एक चाय हो जाए!

थोड़े बीते पलो पर गौर फरमाएंगे,
पत्थर दिल को गरम चाय से पिघलाएंगे,
क्या पता फिर शुरू एक नया अध्याय हो जाए,
चलो एक चाय हो जाए!

इस भागती सी जिंदगी में,दो पल चुराते हैं,
चाय की चुस्कियों को भी,अपने किस्से सुनाते है,
क्या पता खिलखिलाती हसीं की फुहार हो जाए,
चलो एक चाय हो जाए!

-


17 AUG 2022 AT 0:18

क्या समझ लू उन झुकती नजरो को इशारा?
या उछाल लू आज फिर एक सिक्का दोबारा?
पर मैं खुद ही के फैसले से अनजान हूं,
मन के उलझनों में उलझी,एक इंसान हूं!
केसे करू भावनाओ को प्रारंभ,
जब संकोच ही हो अंत, संकोच ही प्रारंभ!
ये रुत भी कमाल है,
विचलित है मन मेरा,
फिर भी चुप रहने का ख्याल है!

-


10 AUG 2021 AT 9:39

Yes it was a long night!
Not even for birthday girl,
But for each one,
each moment was delight.
Yes,it was a long night!

Started from gift and decorations,
To some planned and
Unplanned preparations,
Everything was so right.
Yes,it was a long night!

Gossiping at 4'o clock
With chai at center,
10 people in an ALTO
Was a bit adventure,
Remaining awake
Till it was so bright.
Yes,it was a long night!

-


9 AUG 2021 AT 3:18

Being a bird of passage,
I moved from east to west.
By and by, I perceived
HOME is th best place to rest.

Wandering the whole day,
I wish to come back home.
Although the grass seems appalling,
But forever I wanna roam.

I am a sailor,
I wanna travel and explore.
But want to rest on my bed,
And close all these doors.

-


6 JUN 2021 AT 16:36

दिखावा है सब यहां
सम्मान दिखाने के लिए जनता,
बीच सड़कों पर थाली बजाती है
और बंद कमरों में,यही जनता,
उसी सम्मानित को,
बेरहमी से मार जाती है।
दिखावा है सब यहां।

दिखाने के लिए
चिकित्सालयों पर,
हजारों के फूल बरसाए जाते हैं,
लेकिन उन्हें चिकित्सकों को,
चंद पैसे ना दे पाते हैं।
दिखावा है सब यहां।

गरज पूरी होते ही रंग बदल लेते हैं,
बताने का ढंग बदल लेते हैं,
खुद ही बनाते हैं तस्वीर,
और खुद ही देते हैं उसे चीर।
दिखावा है सब यहां।।
दिखावा है सब यहां।।

-


1 JUN 2021 AT 4:47

अगर यह सच है,
पत्थर दिल है मेरा,
तो निशान ये लाल क्यों है?
ख्वाबों से भरी आंखों में,
यह सवाल क्यों हैं?

अगर यह सच है,
छूट गए थे बीच मझधार में,
तो आए अब किनारे क्यों है?
जब थे ही नहीं महफिल में,
तो जाम लगाएं क्यों हैं?

अगर यह सच है,
किस्मत खुद लिखी जाती है
तो नींद से लड़कर,
आंखों ने पहर बिताए क्यों हैं?
विश्वास जब भरपूर था,
तो वादें ये टुटते पाएं क्यों हैं?

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11 APR 2021 AT 16:27

ये क्या जज्बात लेकर बैठ गए ?
ये कैसे हालात लेकर बैठ गए ?
जो दफन कर दी थी,
क्यों वह बात लेकर बैठ गए ?

भूले ही थे जिन्हें ,
वही याद लेकर कर बैठ गए!
बंद पलकों तले ,
फिर वही रात लेकर बैठ गए !
जो दफन कर दी थी,
क्यों वह बात लेकर बैठ गए ?

जिसका ना कोई जवाब था ,
वह सवाल लेकर बैठ गए !
दिल के सुकून के बाहर,
फिर कहां तलाश लेकर बैठ गए !
जो दफन कर दी थी,
क्यों वह बात लेकर बैठ गए ?

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11 JUL 2020 AT 1:54

ऐ आलस,
तू कुछ इस कदर मुझमें समाई है,
कलम उठाने कि जहमत भी हमने,
महिनों बाद उठाई है।

ऐ आलस,
तू ही मेरा सच्चा साथी है,
लाख कोशिशें कर लूं,
तू हमेशा मुझे खींच लाती है।

ऐ आलस,
तू मुझसे प्यार ना ही करे तो अच्छा होगा,
हो सके तो दूर रह मुझसे,
तभी तो मेरा हर ख्याली पुलाव सच्चा होगा!!

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