हर रोज़ बदलती ज़िंदगी
हर रोज़ नई कहानियां
कुछ बह जाती है पानी सी
कुछ रह जाती किताबों में
ठहर गई हो यादें जैसे,
तस्वीरों में, पन्नो में,
कुछ खुशबू में , कुछ गानों में।-
वो वक्त भी गुज़र गया,
अब वो ख्वाहिशें भी ना रही।
जब चाहा था तब ना मिला,
अब मिल गया, पर चाहिए नही।।-
दर ब दर दिल को लगाने से
नए चेहरों को आजमाने से
कहां भुलाया जाता है
वो शख़्स महज़ भुलाने से।-
What makes you hurt?
That you miss someone,
for who 'you thought they were',
Or that,
you have missed something
to see who 'they actually were'.
What makes you feel sad?
That you miss someone
who 'you no longer have',
Or that,
you miss someone
who 'you never really had'.-
ठिठुरती सी ठंड हो,
या बरसती हो बारिश
जो आसमान की छत में पलता है
वो बिस्तर कहां देखता है।
मंदिर का प्रसाद हो या मस्जिद की खीर
जो एक निवाले को तरसता है
वो मजहब कहां देखता है।-
शामिल ना हो पाऊं अगर भीड़ में,
तो अपनो से दूर मत समझ लेना,
ये खामोशी तो मिजाज़ है मेरा,
इसे तुम मेरा गुरूर मत समझ लेना।-
No Fantasy, No Imagination,
No copying, no imitation
Just pen down your feelings,
Inked with emotions,
You, yourself is a beautiful poetry,
You, yourself is the best Creation.
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मूरत के आगे पकवानो की थाली है,
मगर कई मासूमों का पेट अभी खाली है?
क्योंकि,
इंसान मे इंसानियत की तलाश
अभी भी ज़ारी है।
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