मिलना चाहते हो मुझसे ???
तो आओ चलो मेरे साथ....
देखो उस अँधेंरे कमरे में,
दरार से झाँकता हुआ उजाला
अन्दर आने को बेचैन, वो उजाला हूँ मैं !!
मिलना चाहते हो मुझसे ??
लफ्जों के इस शोर में ,
महसूस की है कभी अन्जानी सी खामोशी ?
बेमतलब के शब्दों से परे, वो खामोशी हूँ मैं !!
मिलना चाहते हो मुझसे ??
इस बड़े से जहाँ में,
मेरी किताबों के आखिरी पन्नों पे सिमटी
इक छोटी सी दुनिया है मेरी,
इस छोटी सी दुनिया का, मामूली सा किरदार हूँ मैं !!
मिलना चाहते हो मुझसे ??
तो आओ चलो मेरे साथ...
चल सकोगे,तुम्हारी इस दुनिया के पार ?
मेरी खामोश, बेचैन, छोटी सी दुनिया में
.....तो आओ चलो मेरे साथ
अगर मिलना चाहते हो मुझसे.......
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