Prachi Agrawal   (Prachi Agrawal)
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Joined 4 June 2018


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30 JUL 2021 AT 11:12

मेरे बहुत सारे सवालों का जवाब हो तुम,
मेरी मुस्कुराहटों का मीठा सा एहसास हो तुम,
हर लम्हा मैं तेरी बातें करुं वो बात हो तुम,
मेरी सारी परेशानियों का हल हो तुम,
मेरी खुशियों का पता हो तुम,
मेरी चलने की वजह हो तुम,
मेरी दोस्ती का विश्वास का तुम,
तेरे साथ रह लू सारी उम्र,
मेरी इस बात का जवाब हां हो तुम....

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30 JUL 2021 AT 10:08

चलते चलते इस सफर में नया काफिला बना
बनते बनते कुछ पता ना चला
कुछ पीछे छूटे साथ कुछ आगे मिल गये
जो सपने थे इन आँखों में वो अब खो गये
शायद फिर सजा सकूं वो हौसला फिर कह सकूं
थोड़ी उलझ सी गई हूं में कहीं....

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30 JUL 2021 AT 9:37

है वो हर लम्हा हसीन
जिसमें तेरी बात होती हैं
काश कोई लम्हा ऐसा होता
जिसमें तुझे मेरी भी बात याद होती।।

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28 JUL 2021 AT 22:02

मैं जब भी खुद को " हम" लिखती हूं,
यकीनन तुम्हें भी अपने "संग" लिखती हूं।।

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4 MAR 2021 AT 22:54

मेरे इस सफर में तेरा एहसास ही काफी था
जब तू था साथ में वह लम्हा ही काफी था
हां अब नहीं है साथ मेरे
हां तेरी कमी थोड़ी तो लगती है
पर हूं में अब भी खुश क्योंकि मेरा मुस्कराना ज्यादा जरूरी है.......

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4 MAY 2020 AT 11:36

तितलियों के रंग में
रंग जाऊं मैं हर उस रंग में
आसमान में हो बादल जैसे
हर फूल फूल को देखूं मैं
रंग बिरंगी हो जाए जिंदगी उस तितली की तरह
हर पल मुस्कुराओ में फूलों की तरह।।

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3 MAY 2020 AT 15:48

उसका आना भी उस हवा के झोंके की तरह है
जैसे गर्मी में छाया की तरह है
बारिश में बूंद की तरह है
फूलों में गुलाब की तरह है
सितारों में चांद की तरह है
जो बस कभी साथ नहीं है
बस यू ही यादों की तरह है।।

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2 MAY 2020 AT 21:40

तुझसे ही तो इश्क था
एक तू ही तो मेरा हमदर्द था
तू ही तो मेरा दोस्त था
एक तू ही तो मेरा प्यार था
तुझे जाना था बेशक चला जाता है
पर जाते-जाते एक बार कह तो दिया होता कि तुझे जाना है
नहीं रोकते हम ना कोई वास्ता देते खुदा का
बस एक बार कह तो दिया होता।।

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2 MAY 2020 AT 21:32

सब कुछ पीछे छूट गया
एक जो तू अपना था वह भी मुझसे रूठ गया
एक बार तो तूने पीछे मुड़कर देखा होता
पर तू अब बहुत आगे निकल गया
और मेरा सब कुछ पीछे छूट गया
सब कुछ पीछे छूट गया।।

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6 FEB 2020 AT 12:36

जो चाहोगे हो जाएगा
बस थोड़ी हिम्मत रखो उस पल के लिए जो सपने तुमने संजोये है, इन आंखों में बस उसे पाले रखो
होगा यह मुकम्मल एक दिन जहां देखेगा
बस उस उम्मीद को तुम जिंदा रखो
पल पल मेहनत करते रहो होगा वह भी तुम्हारा जिस सपने को तुमने चाहा है, बस यह उम्मीद जिंदा रखो जिंदा रखो।।

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