अच्छी बुरी जैसी भी हूँ ओरिजनल हूँ
अपने मतलब के लिये किसी को धोका या झूठे प्यार नहीं जता पाती हूँ
यही बात ज़माने को बुरी लगती है ।
ख़ुद के प्यार के लिये या रिश्ता बचाने के लिये भी इमोशंस को छुपा नहीं पाती हूँ मेरी यही रियलनेस ज़माने को बुरी लगती है ।
प्यार शिद्दत से बेइंतिहा करती हूँ
पूरे १००% इफ़ोर्ट से करती हूँ
फिर भी बुरी ही कहलाई जाती हूँऔर तुम क्या जानो प्यार यह सिखलाई जाती हूँ
और अकेली ही रह जाती हूँ
यह बात ज़माने को बड़ी अच्छी लगती है।।-
बहुत घमंड था मुझे ख़ुद के प्यार पर
बहुत घमंड था मुझे ख़ुद की शिद्दते इक़रार पर
की मेरी शिद्दत मेरा प्यार हर नशा भुला सकता है
लेकिन नहीं है मेरे प्यार में वो ताक़त
न है वो शिद्दत में कोई दम जो उस नशे को
हरा कर ख़ुद का नशा काफ़ी बना सके
इसलिये टूट गया वो घमंड जो सीआरजे मेरा वहम था।।
-
मत कर मेरे दिल तू जुड़ने की कोशिश
तू बिखरा हुआ टूटा हुआ ही अपनी
दर्द भारी सहमे हुए हालत में ही सही था
क्यों की कोई आयेगा प्यार के मरहम लगा
के तुझे इस कदर जोड़ेगा फिर वही
उसे उतनी ही बेदर्दी से तोड़ेगा
और तोड़कर इतने टुकड़े कर देगा
की वापस कोई चाह कर भी दोबारा
कोई न जोड़ पायेगा न तोड़ पायेगा
मत कर मेरे दिल तू जुड़ने की कोशिश
तू टूटा था और हमेशा टूटा ही रह जायेगा।।-
मैं ज़िंदगी में हर पल तेरा साथ चाहती हूँ
मुझमें सिर्फ़ तेरा ही तेरा एहसास चाहती हूँ
तेरे दर्द को ख़ुद सेहना चाहती हूँ
तेरी खुशियों में तुझसे ज़्यादा खुश होना चाहती हूँ
कुछ कहना चाहती हूँ कुछ तेरी सुनना चाहती हूँ
बस तुझमें ही बसना चाहती हूँ
बस तेरी और सिर्फ़ तेरी रहना चाहती हूँ
तेरे साथ सिर्फ़ ख्वाबों में ही नहीं
बल्कि हक़ीक़त में रहना चाहती हूँ
तेरे यक़ीन में तेरे बाहों के साये
में सुकून से जीना चाहती हूँ
मैं ज़िंदगी में हर पल तेरा साथ चाहती हूँ
मुझमें सिर्फ़ तेरा ही तेरा एहसास चाहती हूँ ।।
-
मत कर दिल ज़िद उसे पाने की जो
तेरे क़िस्मत में नहीं
मत कर दिल उसे अपना ज़िंदगी
भर के लिये बनाने की जो
तेरे हाथो के लकीरों में नहीं
ज़रूर कमी तुझमें ही है
तेरे प्यार में ही है जो
वो तेरे आज में तो है
लेकिन तेरे कल में नहीं ।।
-
क्या मन्नत करूँ किस चौखट पर गिरु
कोन से मंदिर जाकर टेकु मैं माथा
कोन से मस्जिद जाकर नमाज़ पढु
कोन से पेड़ पर जाकर बांधू धागा तेरी मन्नत का
कोन से दरगाह जाकर चदद्दर चड़ाऊ हमारे नाम की
कोन से गुरुद्वारे जाकर करूँ अरदास तुझे अपना बनाने की
कोन से चर्च जाकर टेकु घटने तुझे पाने को यह तूही बता
क्या मन्नत करूँ किस चौखट पर गिरु ।।-
मैं अब बेख़ौफ़ होकर कहती हूँ
की अब मुझे फ़िक्र नहीं तेरे सीवा किसी की
ज़रूरत पढ़ने पर तो मैं सबसे लड़ जाऊँगी
बेख़ौफ़ दुनिया के ख़िलाफ़ खड़ी हो जाऊँगी
तू पीछे हट भी गया तो जैसे तुझे चाहती हूँ
किसी और को न कभी चाह पाऊँगी
अब और कोई चाह नहीं बची है
मेरी ज़िंदगी में तेरे सिवा
मैं तेरे हिस्से की सारी बला सारे ग़म
अपने हिस्से अपने सर लिख जाऊँगी
लेकिन अब हर पल बस तेरी और
सिर्फ़ तेरी होना चाहूँगी ।-
मत कर मेरे दिल वो ख़्वाहिशें जो
न कभी पूरी होगी मत कर मेरे दिल
तू वो उम्मीदे जो न कभी
मेरी होगी मत कर दिल को
इतना बेक़रार की किसी दिन यह
धड़कने धड़काना ही बंद होगी
मत कर दिल तू साथ जीने की ख्वाहिश
एक दिन अकेले ही तेरी मौत मुकम्मल होगी ।।
-
तुम चाहो या न चाहो
लेकिन तुम्हारीं की गई
हर बेवफ़ाई मेरे संग
मुझ तक पहुँच ही
जाती है जानते हुए भी
की तुम बेवफ़ा हो
मैं तुमसे वफ़ा कर जाऊँगी
तुम्हारी बेवफ़ाई का गम
प्यार में हस्ते हस्ते अपने
हर एक आसु को पी जाऊँगी
लेकिन तुझसे प्यार बेईंतहा कर ज़ाऊँगी
और मुझे भरोसा है अपने प्यार पर
की जब मैं तुमसे दूर चली जाऊँगी
तब तुम्हें अपनी बेवफ़ाई ज़रूर
याद आयेगी लेकिन तब बहुत देर
हो जायेगी।
और तब तेरे संग न मैं रहूँगी
न मेरा प्यार तब सिर्फ़ और
सिर्फ़ तेरी बेवफ़ाई ही तुझे याद आयेगी ।।-