अच्छी बुरी जैसी भी हूँ ओरिजनल हूँ
अपने मतलब के लिये किसी को धोका या झूठे प्यार नहीं जता पाती हूँ
यही बात ज़माने को बुरी लगती है ।
ख़ुद के प्यार के लिये या रिश्ता बचाने के लिये भी इमोशंस को छुपा नहीं पाती हूँ मेरी यही रियलनेस ज़माने को बुरी लगती है ।
प्यार शिद्दत से बेइंतिहा करती हूँ
पूरे १००% इफ़ोर्ट से करती हूँ
फिर भी बुरी ही कहलाई जाती हूँऔर तुम क्या जानो प्यार यह सिखलाई जाती हूँ
और अकेली ही रह जाती हूँ
यह बात ज़माने को बड़ी अच्छी लगती है।।
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