तेरा चमके चोला लाल
हे बाला बजरंगी।। 🙏🙏-
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है।
हुम् लहरायेंगे ये तिरंगा हर जगह,
नशा ये हिंदुस्तान का है।।
---उत्कर्ष अग्रवाल-
हिन्द के वीर
आज तिरंगा लहराता, उन वीरों के बलिदान से।
तंग हवा में फिरता रहता, सबसे ऊपर शान से।।
शिखर हिमालय के ऊपर चढ़, इसको जब फहराया था,
देव, भगत, गुरु, आज़ाद का, स्मरण हमे हो आया था।।
आज उन्हीं के ना होने से भू, ये अम्बर पिघल गया,
जिनके आंखों के अंगारों से, हर दुश्मन दहल गया।।
आज उन्हीं वीरों के कारण, आज़ादी का स्वाद चखा।
मृत्यु जिसकी दासी थी और, शेरो सी बलवान भुजा।।
जिनके बाहुबल का वह ऋण, चुका न पाए कोई कर,
याद हमे वो आएंगे, हर पल, हर दिन, जीवनभर।।
लहू हमारे अंदर जैसे, उनके अंदर हिन्दुतान।
बोल सको तो बोल खड़े हो, दिल में मेरे हिंदुस्तान।।
प्रभव पाण्डेय-
हिन्द के वीर
आज तिरंगा लहराता, उन वीरों के बलिदान से।
तंग हवा में फिरता रहता ,सबसे ऊपर शान से।।
शिखर हिमालय के ऊपर चढ़,इसको जब फहराया था
देव, भगत, गुरु, आज़ाद का स्मरण हमे हो आया था।।
आज उन्हीं के ना होने से भू, ये अम्बर पिघल गया,
जिनके आंखों के अंगारों से, हर दुश्मन दहल गया।।
आज उन्हीं वीरों के कारण, आज़ादी का स्वाद चखा।
मृत्यु जिसकी दासी थी और, शेरो सी बलवान भुजा।।
जिनके बाहुबल का वह ऋण, चुका न पाए कोई कर,
याद हमे वो आएंगे, हर पल, हर दिन, जीवनभर।।
लहू हमारे अंदर जैसे, उनके अंदर हिन्दुतान।
बोल सको तो बोल खड़े हो, दिल में मेरे हिंदुस्तान।।
-------प्रभव पाण्डेय-
जय हनुमान, जय हनुमान,
असुर निकंदन जय हनुमान।
संकट मोचन नाम तुम्हारा,
संकट मोचन नाम तुम्हारा,
हर संकट पे भारी, भारी।
जय हनुमान, जय हनुमान
संकट मोचन जय हनुमान।।
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वक्रतुंडमहाकाये सूर्यकोटिसमप्रभः
निर्विघ्नंकुरुमेदेव सर्वकार्येषुसर्वदा।।-
शेष की सेज पे सोए के जो प्रभु
नींद में सृष्टि को भार उठावे।
जिन हरि के पद पंकज सेवक,
मात महालक्ष्मी हर्षावे।
जोग जतिन को जो दुर्लभ सो
लाभ अहिर की छोरियां पावें
थोड़ी सी छाछ दिखाए के,
नाच नचावन वारे को नाच नचावे।
थोड़ी सी छाछ दिखाए के,
नाच नचावन वारे को नाच नचावे।।
जय श्री कृष्णा।
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श्रीमन्नारायण गरिमागायन निशदिन तीनों भुवन करें
भवभवभयभंजन नित्यनिरंजन अंजन करिजन नैन भरें
प्रभु परम प्रतापी, प्रबल प्रभावी, पाप ताप संताप हरें
नित नारद शारद शेष महेश्वर पार न पावे ध्यान धरें।
जय श्री राम।-