मेरी हालतें बीमार का तू ज़िक्र ना कर
तू अपनी ख़ैर मना मेरी फ़िक्र ना कर-
ll समाजसेवक ll
मां का नाम लिखकर एक ग़ज़ल बना रहा हूं मै ,
हां एक असल खुदा की शक़ल बना रहा हूं मैं l
उसने उपवास रखा है मेरे लिए कई बार ,
उसी के हिस्से की बची रोटियां खा रहा हूं मैं ।।-
she hung the moon ,
scattered the stars
and brought sunlight for me .
still you question ,
why do i call her my life-
वो काजल सिर्फ मेरे लिए लगाती थी
और फिदा उसपे सारा ज़माना हो जाता था-
इक मोहब्बत एब काफी है ज़िन्दगी बर्बाद करने को ,
मै बरसो से फिर रहा हूं खुद को आज़ाद करने को ।-
मुझे खामोश देख कर
वो क्या सोचता होगा ..
मैं तो लिख लेता हूं ,
वो आंसू कहा रोकता होगा ?-
दरिया का डर मुझे, वो खुद को लेहर मानती है ,
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है,
मेरे छुपाने पर हर बात पहचानती है,
एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है,
मेरी हर खामोशी को वो आपना मानती है,
मेरे दाटने पर थोड़ा बुरा जरूर मानती है,
मेरी हर एक खुशी की बूंद को वो पहचानती है,
यारो एक लड़की है जो मुझे मुझसे ज्यादा जानती है।-
I HAVE FRIENDS WHO HATE ME, TALK SHIT ABOUT ME, THEN THEY SEE ME AND SHOW ME
" RESPECT "-
बड़ा ही मासूम है उसका इश्क़
बेशुमार है मगर छुपा कर रखा है
उतने ही मासूमियत से हर पहर देखती है मुझे
और बिना कुछ बोले चली जाती है ।।
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