काश ! वो खुश रहे ....
ऐसी दुआ देकर आया हूं ,
ना चाहते हुए भी..
खुशियों से नाता तोड़ आया हूं ,
वो बगैर सच जाने कहती होगी बेवफा मुझको...
पर वो क्या जाने उसकी खुशियों के लिए
मैं खुद को छोड़ आया हूं .-
काश ! वो खुश रहे ....
ऐसी दुआ देकर आया हूं ,
ना चाहते हुए भी..
खुशियों से नाता तोड़ आया हूं ,
वो बगैर सच जाने कहती होगी बेवफा मुझको...
पर वो क्या जाने उसकी खुशियों के लिए
मैं खुद को छोड़ आया हूं .-
मोहब्बत के इस मंजर ने..
क्या खूब मंजिल दिखाई ?
वो जो इस दिल के करीब था..
उसे चिता तक पहुंचाई .-
ब्याह कर जो इस घर आई...
4 दिन भी ना रहा गया साथ जिससे ,
दूर कहीं किराए के एक कमरे में..
वो जानें कितने रिश्ते बनाती है .
-
संग जिसने मेरे चंद लम्हें गुजारे..
जाते जा ले न जा सके वो लम्हें सारे ,
जिसे समझा था हमने जहां अपना..
उसने रुसवा कर दिखाए ये जहां सारे ,
बगैर उसके अब रही खुशियां नहीं हैं..
चाह कर भी ना जा रहे ये जान हमारे .-
यह जानने के बाद कि अब जीवन मुश्किल है ,
जीवन बचाने के लिए लगाई वो अंतिम दौड़..
वो मंजर कितना भयभीत करने वाला होता होगा .-
आहिस्ता ही सही पर हर दिन
बदल रहा हूं ,
इस बदलती दुनिया को देख इसके साथ
चल रहा हूं .-
ऐसे हर छोटी सी बात पर , तकरार
क्यूं करें
गर बात करने से बन जाए बात , तो अहंकार
क्यूं करें .-