निर्णय सदैव कठिन होता है , कभी कभी हृदय विदीर्ण करने वाला, चुनाव हमारा होता है और परिणाम का उत्तरदायित्व भी , ये हम पर निर्भर करता है कि हम कैसा जीवन जीना चाहते है , साधारण और सामान्य दीर्घ कछुवे सा , या असाधारण प्रकाशवान संक्षिप्त जुगनू सा, यद्यपि दोनों का अपना स्थान है पर महत्व हमारे चुनाव का है । हम जो चुनते है , वैसा ही जीवन जीते हैं— % &
मेरी जिंदगी वतन के किसी काम आ जाये , हो तन मे तिरंगा जब मौत का पैगाम आ जाये , और आर्ज़ू कोई दूसरी हमको नही, प्रभात शहीदों की फेहरिस्त मे अपना भी नाम आ जाये।।