Prabhat Mishra   (प्रभु)
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मैं आईना हूँ मेरी अपनी जवाबदारी हैं जिसे पसंद न हो सामने से हट जाये
Joined 4 April 2020


मैं आईना हूँ मेरी अपनी जवाबदारी हैं जिसे पसंद न हो सामने से हट जाये
Joined 4 April 2020
2 FEB 2022 AT 9:57

एकया द्वे विनिश्चित्य त्रींश्चतुर्भिर्वशे कुरु |
पञ्च जित्वा विदित्वा षट् सप्त हित्वा सुखी भव ||— % &

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30 JAN 2022 AT 23:31

निर्णय सदैव कठिन होता है , कभी कभी हृदय विदीर्ण करने वाला, चुनाव हमारा होता है और परिणाम का उत्तरदायित्व भी , ये हम पर निर्भर करता है कि हम कैसा जीवन जीना चाहते है , साधारण और सामान्य दीर्घ कछुवे सा , या असाधारण प्रकाशवान संक्षिप्त जुगनू सा, यद्यपि दोनों का अपना स्थान है पर महत्व हमारे चुनाव का है । हम जो चुनते है , वैसा ही जीवन जीते हैं— % &

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30 JAN 2022 AT 23:26

Thosands of flirts & crushes are better than one true love, as monopoly results in real damages . So now I want to finish this monopoly . — % &

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27 JAN 2022 AT 11:27

जीवन की सभी समस्याओं को गीता का एक श्लोक हल कर देता हैं
अशोच्यान् अन्वय्शोच्यम् प्रज्ञावादानुभाषसे|
गतासून् अगतासूनश्च नानुसोचन्ति पंडिताः ||

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27 JAN 2022 AT 10:33

तब खड़े रहना और भी आवश्यक हो जाता हैं जब सब लोग आपके घुटने टेकने की प्रतीक्षा कर रहे हो

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27 JAN 2022 AT 10:19

मेरी हार पर लगा रहे हो वो दाँव
जो मै जीता तो परिणाम क्या होगा
अकेले ही सही मै लड़ा तो सही
हार-जीत प्रभात पर भार क्या होगा

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27 JAN 2022 AT 10:05

हर चीज की कीमत हैं
मिलना तो कद्रदान चाहिए
बाजार से बचने के लिये
प्रभात सा ईमान चाहिए

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27 JAN 2022 AT 9:37

इस बार *"धतूरा"* और *"गुलाब"* में
जबरदस्त टक्कर है..

क्योंकि *"वेलेंटाइन"* और *"महाशिवरात्री"*
एक ही दिन पड़ रहा है..

इसलिए सही फूल सही जगह चढ़ाएं..
क्योंकि दोनों में से एक भी रुठ गया तो
*"तांडव"* निश्चित है..!!

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25 JAN 2022 AT 10:11

मेरी जिंदगी वतन के किसी काम आ जाये ,
हो तन मे तिरंगा जब मौत का पैगाम आ जाये ,
और आर्ज़ू कोई दूसरी हमको नही, प्रभात
शहीदों की फेहरिस्त मे अपना भी नाम आ जाये।।

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24 JAN 2022 AT 10:16

कैसे कटती हैं ये रातें,
कैसे कटते हैं ये दिन,
कैसे कह दूँ दिल की बातें,
कौन समझेगा तेरे बिन।

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