तेरी निगाहों की कैद से ना कर रिहा मुझे
कि इनके अलावा मेरा कोई बसेरा नहीं
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मुझसे यूँ न पूछो
हाल मेरा ।
कि अभी
बताने के हालात नहीं ॥
तेरी निगाहों की कैद से ना कर रिहा मुझे
कि इनके अलावा मेरा कोई बसेरा नहीं
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The Way You Lied
But Your Eyes Denied
Was The Prettiest Meshup
I Ever Saw-
खुद को इसलिए भी
थोड़ा दूर रखिए ज़माने से
पास पड़ी चीजों की अहमियत
कुछ कम सी हो जाती हैं-
ये शख्स
जिससे तुम्हारी जान पहचान है
ज़रा गौर से जान लो
क्या तुम्हें उसकी पहचान हैं-
हमारी उलझनों से
आप यूँ अनजान न बनिये
बड़ी शिद्दत से पाया था आपको
यूँ ग़ैरों के लिए आसान न बनिये
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यादों में आना
तो समझ आता हैं फिर भी
ये ख्वाबों में आने की
जहमत आपने कैसे की ?
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पन्नों पर बिखरी स्याही को
कुछ इसलिए भी नहीं समेटा हमने
हर एक बूँद से
तेरी बेवफाई की महक उठ रही थी-
अपनी यादों से कह दो
जरा तमीज से पेश आए
बदतमीजीयाँ हमें सिर्फ
तुम्हारी कुबूल थी
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