Prabhakar Kumar "Machvey"   (प्रभाकर कुमार"माचवे")
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इतना गुरूर है मुझे अपने लफ़्ज़ों के हुनर पर,
लोग मेरी शक्ल भूल सकते,मगर मेरी बातें नहीं.
Joined 13 April 2018


इतना गुरूर है मुझे अपने लफ़्ज़ों के हुनर पर,
लोग मेरी शक्ल भूल सकते,मगर मेरी बातें नहीं.
Joined 13 April 2018

इस फगुआ में नहीं आया होगा किसी का पिया शहर से...
तभी उसके नैनों के आँसू बह रहे बारिश बनकर दोपहर से...

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तवा पर पराठा पलटने का तो एक वक्त होता है,
मगर इस पलटूराम के पलटने का कोई वक़्त नहीं...

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कमल को अगर कीचड़ से ही नफ़रत हो जाये
तो क्या उसका अस्तित्व रह पाएगा ?

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23 AUG 2023 AT 19:46

तेरे सिर्फ़ झंडे पर चाँद है, और हमारा चाँद पर झंडा...

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23 AUG 2023 AT 18:07

चंदा मामा अब दूर के नहीं, चंदा मामा अब अपने घर के...

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11 AUG 2023 AT 15:57

हर घर तिरंगा.... घर-घर तिरंगा...

जिन किसी दोस्तों को तिरंगे झंडे की आवश्यकता है,

वो 25 रुपये देकर मुझसे झंडा प्राप्त कर सकते हैं...

या फिर अपने किसी नज़दीकी डाकघर से भी झंडा ले सकते हैं...
इस तिरंगे की शान के लिए, भारत माता के आन के लिए... जय हिंद...जय भारत...

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14 JUL 2023 AT 15:12

धरा,समंदर ,पवन,गगन...अब तो चन्द्र पर भी अपना अधिकार है...
ये अब नया हिंदुस्तान है...ये अब नया हिंदुस्तान है...

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5 JUL 2023 AT 21:22

"परिंदा हो या रिश्ता...कैद किसी को पसन्द नहीं "

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3 JUL 2023 AT 13:00

जीवन की चुनौतियां ही सर्वोत्तम गुरु है...

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3 JUL 2023 AT 7:17

सर्वसुलभ,सर्वव्यापी व सर्वज्ञानी 'ऑनलाइन गुरु' को गुरु पूर्णिमा पर शत - शत नमन...

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