Prabhakar Dwivedi  
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"सब मोह माया है अपुन सिर्फ लिखने आया है"
Joined 19 February 2019


"सब मोह माया है अपुन सिर्फ लिखने आया है"
Joined 19 February 2019
19 AUG AT 21:25

मर सकता नहीं, जिया अब जा नहीं रहा
तू ही बता ऐ जिंदगी किधर जाऊं मैं।
तैर के तो अब पार नहीं होगी नैया मेरी
डूबा दे मुझे जो डूब के ही तर जाऊं मैं।।

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10 SEP 2023 AT 22:59

सच्चे इश्क़ में पड़ा आशिक़,
समन्दर नहीं देखता गहराई नहीं देखता।

डूब जाता है माशूक के प्यार में वो इस कदर,
रूसवाई नहीं देखता वो तन्हाई नहीं देखता।

महबूब की आँखें जो दिखादे, देख लेता है,
अच्छाई नहीं देखता वो बुराई नहीं देखता।

खुद को जोड़ लेता है अपने सनम से इस कदर वो,
के जुदा होकर भी उस से वो जुदाई नहीं देखता।।

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16 JUN 2021 AT 14:53

ये जो ज़िंदगी है मेरी ,अब तेरी मोहताज़ नहीं है
माना कि तू चाहिए थी कल,पर तू ज़रूरत आज़ नहीं है
टूटकर बिखरा था तेरे जाने से, पर अब उड़ना है मुझे
पंख भी मेरे हैं, और अब तू इनकी परवाज़ नहीं है!!

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23 JUL 2020 AT 14:32

बहार में,
बहार का रंग,
बहार से देखा ना गया!

बहार,
बहार से जलने लगी,
और पतझड़ आ गया!!

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5 JUL 2020 AT 22:27

जैसा चाहो वैसा आकार दे दो,
बस मुझे थोड़ा सा प्यार दे दो!!

अनाथ हूँ सब कहते हैं मुझसे,
तुम घर देकर,सारा संसार दे दो!!

बेटा बेटी जो कहोगे बन जाऊंगा,
तुम बस माँ बाप का दुलार दे दो!!

बड़ी बेचैनी से गुजरता है हर लमहा यहाँ,
सर पे हाथ रखदो,चैन-ओ-करार दे दो!!

बदनाम नहीं होगा तुम्हारा नाम मेरे नाम से,
बस मुझे अपने नाम का उपहार दे दो!!

तन्हां था तन्हां हूँ पर तन्हां जीना नहीं चाहता,
अपना लो मुझे,रिश्तों का त्यौहार दे दो!!

इस से पहले की दुःखों को मुकद्दर मान लूँ अपना,
थाम लो हाथ मेरा,खुशियां हज़ार दे दो!!

आज इंकार मत करना मुझे ले जाने से,
विनती है मेरी,मुझे अपना इज़हार दे दो!!

"ले चलो साथ अपने,मुझे भी एक परिवार दे दो"

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30 JUN 2020 AT 0:15

करेले सी कड़वी ज़िंदगी में घोलती मिठास है,
खाने में छप्पन भोग सी "तेरी आवाज़" है......

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24 JUN 2020 AT 15:20

दर्द लिखता हूँ तो मरहम पढ़ते हो,
और दावा है तुम्हारा हर ज़ख़म पढ़ते हो!!

नादाँ हो तुम क्या ग़िला तुमसे,
मैं तो इश्क़ लिखता हूँ तुम धरम पढ़ते हो!!

कहते हो इश्क़ वाज़िब नहीं मेरा खैर,
बड़े कमाल का वहम पढ़ते हो!!

मेरा दिल लगाना कोई मज़हबी सौदा नहीं,
"ये इश्क़ है ज़नाब" फिर तुम क्यों इसे अहम् पढ़ते हो!!!

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21 JUN 2020 AT 16:25

साल का कोई एक दिन कैसे आपक़े नाम लिख दूँ,
ऐसे कैसे बाकी दिनों में आपको ग़ुमनाम लिखदूँ!!

"पापा" आप जान हो पहचान हो मेरी,
चाहता हूँ आपको अपनी उम्र तमाम लिख दूँ!!

नहीं देखी किसी खुदा की सूरत,
जब भी देखा आपको देखा,
तो क्यों ना आप ही का नाम भगवान लिखदूँ!!

पापा आप मेरा ग़ुमान हो,
अभिमान हो,
आप नहीं मानते पर सच में आप महान हो,

मैं कल रहूँ ना रहूँ नहीं पता मुझे,
तो सोचा आज ही ये पैग़ाम लिख दूँ!!!!

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27 NOV 2019 AT 1:20

जब तक तुम सुनोगे नहीं, हम,
"लिखते रहेंगे"

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27 NOV 2019 AT 0:32

खंडित देश में अखंडता लाया,
जिसने सही मायनों में संप्रभु बनाया,
लचीलेपन के साथ सुदृढ़ता थी,
जिसने ऊंच नींच का भेद मिटाया,
समाजवादी राष्ट्र बनाता है जो इसे,
जिसमें धर्मनिरपेक्षता का गुण है समाया,
पिरो दिया एक माला में जिसने पुरे देश को,
वही "भारत का संविधान" कहलाया!!!!!!

-Prabhakar Dwivedi

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