तेरे इस मासूम चेहरे पर मर मिटने को जी चाहता है
तेरे शरारती आंखों में उतर जाने को जी चाहता है
तू पास हो तो ,करीब ना आऊं पल भर को
जो तू दूर हो तो, तुझसे लिपट जाने को जी चाहता है-
यह चौखट बड़ी पुरानी है।
पढ़ सको तो पढ़ लो📖
यह एक लंबी कहानी... read more
गुलाल तो खरीदा नहीं है इस बार
अपने होठों के रंग से
तेरे गाल रंग दूं
तो एतराज़ तो ना होगा
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जज़्बात, खयालात ,मुस्कुराहट ,अंदाज
और ये बातें
सब कुछ कितना हसीन है ना तुझ में
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लग जा गले
के फिर से तेरी खुशबू सा महकने को दिल कर रहा है
होश में बहुत रहे लिए हम
आज फिर से बहकने को दिल कर रहा है-
चलती हूं गिरती हूं संभलती हूं
आज भी कुछ राहों से अनजानी हूं
मुश्किल वक्त में भी खुलकर हंस लिया करती हूं
मैं थोड़ी-सी बचकानी हूं
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मेरे हाथ को अपने होठों तक ले जाना और "ना" चूमना
उफ्फ ! तुम्हारी यह शरारत-
Tu ho ja sharab ki botal
Tujhko hotho se laga Lu mai
Tu Jo utre mujh Mai
Khud ko tujh mai gava du Mai
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इश्क किया था हमने भी
हम भी रातों को जागे थे
था कोई जिसे रोकने को
हम नंगे पांव भागे थे-
इन्हें ना जाने
मेरे झुमके से क्या परेशानी है
वो जब भी मेरे गालों को टकरता है
इन्हें अच्छा नहीं लगता-