घड़ी का इस्तेमाल न करो
तो वक्त धुंधला दिखाई देता है-
Waqt
वक्त कितना बदल गया है न
एक वक्त हुआ करता था जब सब साथ रहते थे,
मिलकर हसी ठिठोलिया हुआ करते थे
आज हसने के लिए योगा का सहारा लेना पड़ रहा है,
शुद्ध वायु चारो ओर हुआ करती थी
आज वो पैसों में बिक रही है
घर सेहत का खजाना हुआ करते थे,
खुली हवा, प्राकृत रोशनी,
आधुनिकता, और पश्चिमी सभ्यता ने घरों का architecture को नई नई बीमारियां पैदा करने की मशीन बना दिया,
देखो कैसा वक्त आ गया,
जन जन खुशी खुशी मौत की और बढ़ता नजर आ रहा-
जैसी तुम्हारी फितरत होगी😊
वैसा मेरा व्यवहार होगा🤗
दोष न देना मुझको🙂
क्योंकि इसका जिम्मा तुमही पर तो होगा🙃-
धर्मो के युद्ध में...
मानव का अस्तित्व, उसकी पहचान मानवता कही गुम हो चुकी है-
अपनो से ही लगती है
अपनापन ही मरहम बनता है
पर चोट का निशान व्यवहार में रह ही जाता है
खिलखिलाती हसी, बनावटी मुस्कान में बदल जाती है
आंखे भीगी कभी भी हो जाती है
रूह टूट जाती है
सुकून की तलाश में...
सबसे भागकर खुद के पास हम आ जाते है
पर इस टूटे दिल की वजह से हम खुद को ही कही खो देते है
और भटके मुसाफिर की तरह बस सुकून की तलाश में भटकते रहते है-
हम...
सबसे प्यार और अपनेपन की उम्मीद करते है☺️...
पर कही न कही...
हम खुद इसे सबको देने में कोई चूक करते है😄-
और उस जिंदगी में बस सुकून चाहिए
दिलो से दिलो का ताल्लुक चाहिए
नाम के रिश्ते नही,
रिश्तों में अपनेपन का एहसास चाहिए
होठों पर सच्ची मुस्कान और रूह को सुकून की अनुभूति जिससे हो
बस ऐसे इंसानों का इस थोड़ी सी जिंदगी के सफर में साथ चाहिए-
भविष्य का आइना दिखा देती है
आज के फैसलों को,
कल के हिसाब से बदलने पर मजबूर कर देती है,
जो चाहते वो हो जाता, तो फिर बात ही क्या होती
पर.....
हर चाहत तकदीर में कहा लिखी होती है.....
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भौतिक वस्तुएं
इंसान की खुशियों को नापने का पैमाना नहीं होता ,
इन सबके होते हुए भी इंसान दुखी होता है,
खुशी उसे जिंदगी में सुकून से मिलती है,
प्यार है तो सुकून है, सुकून है तो खुशियां है-
रिश्ता ये कैसा है
प्यार के अटूट बंधन से बंधा है
मतलब की कच्ची डोरियो से अछूता है
सुकून का एहसास जहा हर पल है
बचपना–समझदारियों का ये मेल जोल है
लड़ाई यहां एक दूसरे की फिक्र करने से है
गुस्सा महज मनाने के इंतजार खत्म होने तक है
इगो को यहां कोई प्रश्न ही नहीं
एक दूसरे की परवाह के आगे ये गुस्सा भी फिर कुछ नही
दिलो का जुड़ाव है ये
बाहरी आडंबरों से दूर है ये
रिश्ता ये अनमोल है
जिसके बिना अधूरा हर समा है और हम है
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