जब कोई ना हो दिल का हाल बताने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
जब कोई ना हो हाल जानने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
और जब कोई ना हो..
तुम्हें रोते को चुप करवाने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
और जब चांद भी छिपा हो बादलों में,
तब अंधेरा बात करता है!
आखिर जब कोई ना हो तुम्हारा अपना सुनने केलिए,
तब तरस खा अंधेरा बात करता है!
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