Prabal Chahal   (Prabal)
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just a simple guy
Joined 28 December 2020


just a simple guy
Joined 28 December 2020
12 MAY AT 0:06


पूरी पूरी रात जग रहें है!
कभी चांद को तो कभी तस्वीर तुम्हारी तक रहें है,
ना जाने कैसी यह रातें हैं,
जिसमें ना हम रो पा रहे और ना हस पा रहे है!

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19 APR AT 23:41

मैं सबका हुआ,
कोई मेरा ना हो सका!
मैंने सबको संभाला,
कोई मुझे ना संभाल सका!
यह कैसी दुनिया बनाई है तूने ऐ खुदा...,
सबको खुश रखने वाला,
आखिर पूरी रात अकेला रोता रहा!

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19 APR AT 23:20

सबके बीच में रहकर भी अकेला महसूस करता हूं,
चुप रहकर बस वक्त गुजारी करता हूं!
ना जाने कब यह वक्त मेरा ठीक होगा,
अब तो रोज़ पंखे को देख मुस्कुराता फिरता हूं!

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15 APR AT 23:14

रात चुपके से आई,
और यादें उसकी उड़ा ले गई!
मुझे मीठे सपनो में गिरा कर,
मेरे दिल का चैन ले गई!
मैं सोता रहा बेफिक्री से,
और रात अंधेरे के आगोश में मेरा खज़ाना ले गई!

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14 APR AT 23:53

जब कोई ना हो दिल का हाल बताने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
जब कोई ना हो हाल जानने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
और जब कोई ना हो..
तुम्हें रोते को चुप करवाने केलिए,
तब अंधेरा बात करता है!
और जब चांद भी छिपा हो बादलों में,
तब अंधेरा बात करता है!
आखिर जब कोई ना हो तुम्हारा अपना सुनने केलिए,
तब तरस खा अंधेरा बात करता है!

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14 APR AT 23:38

मैंने दुनिया और दुनियादारी को बदलते देखा है,
अपनो को पल भर में, पराए होते देखा है!
कैसी बनाई है यह दुनिया ऐ खुदा,
मैंने यहां खून के रिश्तों को पानी होते देखा है!

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6 APR AT 0:31

यादों की सड़क पर चलते,
मुझे घर तेरा दिखाई दिया!
मैंने बदलना चाहा वो रास्ता,
लेकिन हर बार वही आ ही गया!
ना जाने तूं किस कदर मेरे दिल में बस गई है...
मैंने वापिस जाना चाहा,
लेकिन मेरा शरीर था कि जैसे वहा जम सा गया!

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1 APR AT 0:33

ज़िंदगी के पहलू उलझ से रहे है,
हम दिन भर दिन मर से रहे है!
ना जाने किस मोड़ पर ले जाएगी ज़िंदगी हमें,
हम तो बस दिन गिन रहें है!

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1 APR AT 0:20

ज़रा देखो रात निखर रही है आज,
लगता है मौत का आगमन होगा!
सब कुछ बदल सा गया है आज,
शायद कफन कुछ ज्यादा महंगा होगा!
ना जाने क्यों सब रो रहे है आज,
यह तो पक्का इन सब का छलावा होगा!
अचानक से सबको अच्छा लगने लगा हूं आज,
शायद मुझे कबर में देख तरस आ गया होगा आज!

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28 MAR AT 0:30

ए चांद मेरी बात तो सुन,
थोड़ा पास तो आ!
ज़रा मेरे साथ रात तो गुज़ार..
तुझे कुछ बताना है मुझे,
तेरे संग दुख बटाना मुझे!
मैं भी तेरी तरह अकेला हूं,
कुछ वक्त किसी संग बिताना है मुझे!
सुना है तूं सबकी सुनता है,
चल आज मेरा एक एक राज़ तुझे बताना है मुझे!
ए चांद! थोड़ा जल्दी आ,
आज तेरे संग आसमान में जाना है मुझे!

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