वो बेइज्जत की जाती है, फिर भी मर्यादा में रहती है| वो सबकी खरी खोटी सुनती है, फिर भी पलट कर जवाब नहीं देती है| वो नगण्य समझी जाती है, फिर भी किसी प्रकार का खेद नहीं करती है|
वो कोई और नहीं एक स्त्री ही है, जिसका स्त्रीत्व खुद को त्याग दूसरों को अपनाता है|