Pournima   (पौर्णिमा)
740 Followers · 467 Following

लेखणीला माझ्या शब्दांचे अलंकार ✍️
Joined 30 May 2021


लेखणीला माझ्या शब्दांचे अलंकार ✍️
Joined 30 May 2021
16 HOURS AGO

कहना तो बहुत कुछ था तुमसे ऐ जानेमन
लबोंतक आई थी जो बात वो कह ना सकी

कुछ इस तरह से नजरोंकी गुफ्तगू हुई यारा
पलकोंमें वो बात दिखानें सें मैं रह ना सकी

ये दिल तुझ पर हार बैठ़ी और तेरी हो गई
डूब गई तुझमें ऐसी की फिर मैं बह ना सकी

-


24 APR AT 18:25

कुछ कहो ना दिल से आँखो की झील से
तुम्हारे लफ्ज़ अजीज हैं कोई शक नहीं.

ये रात नम हैं उस पूनम के चांदनी बिना
चाँद का ख्वाब ना सजे ऐसा फलक नहीं

लिखी बात पढलो तुम दिल की गहराई से
याद में रातभर भी झपकती पलक नहीं

झुकी हैं मेरी नजरे सजदा करती दुवाओं में
देखना दिल तोडने का तुम्हे कोई हक नहीं

भले ही खिल जाए सारा गुलशन आंगन में
मेरे खिलते गर्म सासों के सिवा ललक नहीं

पाँव थिरकते बाँधकर बावरे घुंघरु सलोनी के
सावरे नीली नज़र के बिना कोई बहक नहीं

-


19 APR AT 18:57

....

-


12 APR AT 18:26

इल्तिजा हैं मेरी तू सुबह-ओ-शाम मिले
तेरे दीदार के बाद नजरों को आराम मिले

प्यार इश्क से ना कटेगी जिंदगानी यारा
दुआ करूं तुझे कोई तो काम धाम मिले

माना की सुकूँ है चंद लफ्ज़ लिखना मगर
कोई किताब बिक गयी तो सही दाम मिले

छोड़कर जानेवालों ने हमे मुड़कर देखा नहीं
फिर क्या नफ़रत के संग कई इल्ज़ाम मिले

पूनम कैसे सुनाएं गमों की दास्ताँ किसीको
जो भी मिले वो अपने गमों से परेशान मिले

-


10 APR AT 18:40

नदीयां की मचलती रवानी हैं मेरे नैना
अनकहीं सी बातों की बानी हैं मेरे नैना

ना पढो मेरा किरदार किसी किताब में
ये बेहतरीन पन्नों की कहानी हैं मेरे नैना

लिखने के लिए ना देखो चाँद आसमाँ का
ग़ज़ल के लिए बहुत रूमानी हैं मेरे नैना

मैं लिखती हूँ तो वाह वाही होती रहती हैं
फिर भी महफ़िल की तन्हाई हैं मेरे नैना

भावनाओं की लहर उठे,तो लिखूं मैं लफ्ज़
मेरे चंचल मन की उमंग गहराई हैं मेरे नैना

अमावस की रात का काजल भरू आँखों में
निखरे सलोना रूप पूनम चांदनी हैं मेरे नैना

-


4 APR AT 19:11

तेरी यादों में हया का रंग आंखों में बिखर रहा हैं
मेरी पलकों के सायें में इश्क हमारा निखर रहा हैं

ये फासले, दूरियां,मजबूरियां होंगी हमारे दरमियां
आएगी आहट इस ख्य़ाल से अब मन ठहर रहा हैं

तुम बिन अधुरे है मेरे दिल में संजोए सारे अरमान
सदियांं बीत गई पर नजरोंमें वो घरौंदा लहर रहा हैं

आंखों की गगन से ख्व़ाबों के परिंदे हो गये रुख्सत
उज़ड सा गया अब कहां आबादान ये शहर रहा हैं

शाम होते समेट लेती हूं आंचल में बिखरी पुनमरात
तीरगी में जो छुपा दोस्त तू वो तारा मुनव्वर रहा हैं

-


2 APR AT 18:48

जिंदगी रेत सी फिसलती जा रही हैं हाथों से
और हम यहाँ पल पल का हिसाब रख रहे हैं

-


1 APR AT 18:22

मैं ठहरी हूँ
तुम्हारे अंतस की गहराई में,
तुम मुझे हर्फ-दर-हर्फ लिख लेना ।

मैं ठहरी हूँं
तुम्हारे बगियां की पुरवाई में,
तुम मेरी यादों में दिल को महका देना ।

मैं ठहरी हूँ
तुम्हारे इंतजार की रूसवाई में,
तुम मेरे लिए झूठ़ मूठ़ ही सही मुस्कुरा देना।

मैं ठहरी हूँ
तुम्हारी महफ़िल की तन्हाई में ,
तुम ख्यालों में खोकर कोई गज़ल सुना देना ।

मैं ठहरी हूँ
तुम्हारी भोर की पहली अंगडाई में,
तुम पूनम समझ के चाय की प्याली लबों से लगा लेना।

-


29 MAR AT 19:20

....

-


25 MAR AT 19:09

.....

-


Fetching Pournima Quotes