जीवन काटने , जीने और खुल के जीने में बहुत फर्क है अगर आपको इसके बीच की दूरी तय करनी है तो ये आसान नही होगा ।
कभी आपको रिवाजों की बेड़ियों में जकड़ा जायेगा तो कभी आपको जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा दिया जाएगा
दुर्भाग्यवश ऐसा करने वाला आपका कोई अपना ही होगा ।
तो अब तय आपको करना है कि आप अपनी परिस्थिति को अपना भाग्य मान लेते हैं या फिर कुरुक्षेत्र में अपने ही परिजनों के विरुद्ध खड़े अर्जुन की भांति अपने हक के लिए लड़ते है ।
मेरी मानिए तो अपने जीवन की बागडोर अपने हाथों में रखिए और अपनी शर्तों पर अपना जीवन संचालित कीजिए ।
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निंदक नियरे राखिए
बिन निंदा सब छल
वही दिखावे आईना
आज अभी और कल 👍
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हर किसी के जिंदगी में एक ऐसा पड़ाव जरूर आता है
जहां उसे अपने किसी खास से निराशा हाथ लगती है
टूट जाता है वो कांच का महल जिसे कभी दोनो ने साथ मिलकर बनाया था
रेत की तरह धुल जाता है वो अमिट विश्वास जो अंधेरे में भी उसके साथ होने का यकीन दिलाता था
एक बेनाम आंधी आई और समेट ले गई अपने आगोश में उसके साथ बिताए अच्छे पलों को
अब बचा है तो सिर्फ बिना एहसास के खाली पड़ा मलबा
जो अपनी आखिरी बची हुई सांसे गिन रहा है 🙏
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प्रिय पतिदेव 🙏❤️😍
द्वितीय विवाहोत्सव वर्षगांठ की असीमित शुभकामनाए😘
दो साल पहले जब हमने जीवन के इस सफर में पर्दापण किया था तो काफी डरे सहमे कदमों से इसकी शुरुआत की थी लेकिन आपने एक अच्छे पति की भूमिका इतनी खूबसूरती से निभाई की दो अपरिचित लोग आज जीवन के बेहतरीन साझेदार बन चुके है। मेरे लिए ईश्वर द्वारा किया गया आपका चयन , जरूर मेरे किसी पुण्य का प्रतिफल है । परमपिता परमेश्वर हमारा साथ और हमारा प्यार सदैव बनाएं रखें 🙏
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तुम्हें पता है ना तुम्हारी मुस्कान बोलती है
वो देती है संकेत हमारे बीच सब कुछ ठीक होने का
और जब तुम शांत हो जाते हो
तो वो एहसास कराती है मुझे हमारे दूर होने का
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रूस और यूक्रेन के महायुद्ध पर मै क्या प्रतिक्रिया दूं इसे लेकर जरा दुविधा में हूं
एक तरफ तो यूक्रेन में हो रहे भीषण नरसंहार को देख कर मन विचलित हो उठता है और दूसरी ओर वहां के प्रेसिडेंट जेलेंसकी के हठी रवैए को देखकर मन में क्रोध की ज्वालामुखी फूट पड़ती है।अमेरिका एवम नाटो देशों के चढ़ावे में आकर मूर्ख जेलेंस्की ने अपने नागरिकों की बलि चढ़ा दी । उन्हें युद्ध के लिए हथियार थमा कर खुद पोलैंड में शरण ले लिया ।कायरता की बेमिसाल पेशकश हैं ये महाशय । अपने देश के लिए लड़ना अब वहा के लोगो के लिए मजबूरी बन गई है क्योंकि वहा की सरकार का आदेश है की ६० वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति देश छोड़कर भाग नहीं सकता यदि वो गया तो उसे यूक्रेन वापस नहीं आने दिया जायेगा । रशिया भी क्या ही करता यूक्रेन के नाटो का सदस्य बनने के पीछे की साजिश वो प्रत्यक्षता देख रहा था कि यदि ऐसा हुआ तो नाटो के तीसो सदस्य देशों की सेना बिना रोक टोक के यूक्रेन में आवागमन कर सकती है और वहा से सब मिलकर रूस पे हमला ।आज सब यूक्रेन के लोगो के आंसू जरूर देख रहे हैं लेकिन अगर रशिया ने ये कदम ना उठाया होता तो यही यूक्रेन नाटो और अमेरिका के साथ मिलकर रशिया के लोगो को खून के आंसू रुला रहा होता। हर देश के लिए उसका राष्ट्रहित सर्वोपरि होता है बाकी आप खुद सुनिश्चित करें ।।-
इंद्रधनुष सा सतरंगी हो गया है जीवन मेरा
जबसे मेरे जीवन मे प्रेम का पदार्पण हुआ है-
लाखो की इस भीड़भाड़ में
तुमसा मिलना मुश्किल है
स्वर्णिम सा है जीवन मेरा
तू जो मुझको हासिल है।।
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ये उलझने
ये परेशानियां
मकड़ी के जाल की भांति होती है
जो हमारी ज़िंदगी के चारो ओर एक बाह्य आवरण बना लेती है , हमे जरूरत है तो बस वक़्त रहते अपनी सूझ बूझ से उस जाल से बाहर निकलने की
और यदि हम उससे बाहर नहीं निकल पाते तो ढलते सूरज के साथ वो हमें खोखला कर जाती है।
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