Poonum Thakur   (poonam)
932 Followers · 1.3k Following

Live in Mohali
Still Discovering my passion
Joined 2 March 2018


Live in Mohali
Still Discovering my passion
Joined 2 March 2018
29 JUN 2020 AT 2:11

ठगता है आइना महज मेरा चेहरा दिखाकर
घर में मैं अकेला तो नहीं रहता

-


29 JUN 2020 AT 1:31

रिहाइश में मजमा है लोगों का
मेरे साथ बस तनहाइ रहती है

-


25 FEB 2020 AT 2:23

अहल ए दुनिया में बनकर हज़र
मैं ज़ार -ज़ार रोता हूँ

-


24 FEB 2020 AT 0:12

शब चले आते हो यहाँ तफ़रीह के लिए
तुम भी महज एक मुसलसल ख्याल हो मेरा

-


22 FEB 2020 AT 1:07

स्कूल का बडा सा हाल शिक्षक दिवस के लिए सजाया गया था |उस समय देवदास फ़िल्म का गाना डोला रे डोला काफ़ी चल रहा था | छोटी कक्षा से कुछ बच्चे भी इसी गाने पर डाँस करने वाले थे| स्टेज पर जब नाम बुलाए गए एक नाम नहीं था| तुम्हे आ नहीं रहा होगा शायद इसलिए स्टेज पर बुलाकर बेज़्ज़ती थोडी करवानी थी|पर अब क्या सब तो हँसगे मुझ पर |

बहुत सारे लोग आए हैं कवि समारोह के लिए हाथ में कागज़ लिए एक लडकी अपनी बारी का इंतज़ार कर रही है|हर स्टेज़ पर आए कवि को सुनना चाहती है पर साथ ही कागज़ पर जो उसने सारी रात जागकर लिखा है बार बार देख रही है| दिल जोर से धडक रहा है| एक बार आयोज़क से पूछ लूँ अपनी बारी कब है | पिछली बार भी तुम इसी भ्रम में थी कि तुम्हारा नाम लिखा गया है| मैेडम हमारॆ पास बहुत नाम आए हैं इसलिए आपका नाम नहीं लिखा| क्या ये अब बता रहे हो मुझे?अचानक ठन्ड बहुत बड गयी |कुछ याद आया?कल भी तुम्हे कोई दॆखना नहीं चाहता था आज भी कोइ तुम्हे सुनना नहीं चाहता| भीड ने कुछ सुना तो नहीं ना |
उस दिन जिस बच्चे का आत्मविशवास टूटा उसने फ़िर कभी डाँस नहीं किया |लेकिन उस लडकी ने लिखना नहीं छोडा है चाहे कोई उसे सुनना चाहॆ या नहीं |
बहुत मुशकिल से मनाया है उस लडकी को ये कहानी सुनाने के लिए|

-


20 FEB 2020 AT 16:50

होती इज़ाज़त रो लेते खालिक
हम बेहद शदीद किरदार हैं

-


20 FEB 2020 AT 3:56

शब भर जलता है होने को किसी के काबिल
तुम समझते हो शौक से जगता है जुगनू नादान

-


20 FEB 2020 AT 1:40

मुमकिन है कि उसकी मेरी मुलाकात हो जाए कभी
मैं शब हूँ और उसे ख्वाहिश है चाँद की

-


20 FEB 2020 AT 0:20

मिलते नहीं मुझसे मेरे घर में आकर
सब रोज़ फ़कत पता पूछते हैं

लगते नहीं गले मुझसे लिहाफ़ में आकर
शब दूर से तबीयत पूछते हैं

-


14 FEB 2020 AT 3:43

बडा तकल्लु.फ़ किया जो शब ने आज अन्धेरा किया
मुझी को उसने रात-ब-रात जगाया
मुझी को शौक से आज जुगनू किया

हुए तनहा कुछ कम ज़्यादा नकारा इशक ने आज़ किया
मुझी को उसने रात-ब-रात बुलाया
मुझी को शोैक से आज़ रुसवा किया




-


Fetching Poonum Thakur Quotes