नाउम्मीदी से इतना भरे जा रहा है दिल
मुझे यकीं आए तू है ए ख़ुदा आके तो मिल-
एक ख्वाब से हैं ये लब्ज़ जो उतर आते हैं हकीकत में!
Welco... read more
बड़ी खुशमिजाज़ और बहार सी थी
जब नासमझ थी एक लड़की
फिर उम्र का ऐसा एक दौर आता है
हर रिश्ता नज़र कुछ और आता है
कही खो जाती है नादानी और
आ जाती है ख़यालों में परेशानी
ये अस्थिपंजर सा ढ़ाॅंचा ये झुर्रियां
ये सिकंज और ये आंखों की त्यौरियाॅं
ले डूबती हैं वो नादानी वो शैतानी
वो भोलापन वो बचा हुआ बचपन!-
प्रतीक्षा दुश्मन की तरह प्रतीत होती है
मानों काट रही हो अन्दर ही अन्दर...!-
नींद और ग़म में जंग छिड़ी थी
ग़म धीरे धीरे तोड़ रहा था नींद को
पर कब तक रहता ग़म का भार
एक दिन नींद को जीतना ही था!-
जितने भी प्रेरक प्रसंग और
कहानियां लिखी गई है
वह सभी तब लिखी गई होगी
जब मन प्रसन्न होगा
चिंतित एवं उदास मन में
प्रेरक विचार आदि आना
मानों ऐसा है जैसे
सूखे में वर्षा की आस करना-
जरा जरा सी ख़ुशी पर मुस्कुराने से डरता है जी
बड़े बड़े ग़म मानों ताक़ लगाएं रहते हैं खुशियों पर!-
एक कमरे को उजाला देता दिया
ख़ुद को आफ़ताब समझ बैठा
कौन बताएं उसे असलियत 'निवा'
वो ख़ुद के नीचे अंधेरा लिए बैठा-
गनीमत है की क़लम ने ज़ुबां दी है,
वरना लिखते नहीं तो घुट जाते हम!-
उसका गुस्सा भी
एक सौगात होती है
हर बात में बात होती है
बाप बाप होता है! वो जो भी कहता है
शतप्रतिशत ना हो
पर सच ही होता है
बाप बाप होता है!
उसके अनुभव से
ठोकरों से और
सबक से सीख ले
बाप बाप होता है! बताएं भले पहेली में
रूप एकदम अस्पष्ट
देर न हो जाएं समझ
बाप बाप होता है!
वो चाहता है ज़रूर
कह पाता नहीं भले पर
पत्थर में भी भगवान होता है
बाप बाप होता है! समझ आएगा तुझे भी
चाहे देर सवेर ही सही
वो जानता है सब
बाप बाप होता है!
तरीका भले गलत है
पर बात ज़रूर सही होगी
औलाद के वो साथ होता है
याद रखना बेटे.....
बाप बाप होता है!-
मौसम है सर्द,
स्याही है गर्द
लाखों हैं खाहिशें
और..
लिखना चंद हर्फ़!-