आज़ादी हमें किसी दूसरे की हद में जाकर हस्तक्षेप करने की इजाज़त नही देती,जब तक कि उसके द्वारा मानवीय मूल्यों का अतिक्रमण अथवा समाज को दूषित न किया जा रहा हो। ऐसे में भी सीमा का निर्धारण है और कानून को कार्यवाही की छूट है, किसी व्यक्ति को नहीं।
मौसम जो बीत गया उसका अफ़सोस न करो वर्तमान को जियो, मौसम तो आते जाते हैं जीवन के गुजरे पल वापस आते नहीं, इसलिए जियो हर पल उल्लास से,जी भर मौसम की आवृत्ति पर फिर जी लेना,जी भर।।