सहेजना मेरी आदत है।
मै हर चीज सहेजकर रखती हूं।
मैने कुछ दर्द पुराने भी
सम्भाल कर रखे हैं।
रखती भी कैसे ना भला!?
ये दर्द मेरे,
मेरी कहानी का हिस्सा जो हैं!
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कुछ अनकही
🌕🌙
उन नजदीकियों से
दूरियां ही भली हैं
जिनकी मंजिले
जुदा होती हैं
क्यूंकि,
आखिर में रह जाती हैं
कुछ बातें अधूरी
और दिल में मलाल
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चुपके जब कोई दिल में उतर आता है
उसके खयालों में दिल हर वक्त रहने लगता है
धड़कने भी उसके जिक्र से बढ़ने लग जाती है
तब समझ लीजिए आपको इश्क हो गया है
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तेरा इश्क मेरा सरमाया बन गया
जिसकी पनाह में मेरी रूह सासें लेने लगी।
हर दर्द मुझे प्यार लगने लगा
जबसे तुझसे दिल की बातें होने लगी।
अब तन्हाई भी मुझे रुलाती नहीं
जबसे तेरी यादों में मै खोने लगी।
तेरी आमद से में फूल सी खिल उठती हूं
तेरी खुशबू मेरी हर तकलीफ भुलाने लगी।
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मेरी व्यथा मै ही जानूं जाने ना कोई और,
अंतर्मन में संग्राम छिड़ा है हृदय हुआ स्तब्ध,
करुणा के इस क्षण में नहीं है आत्मीय कोई साथ
आकुल हृदय को भी अब सूझता नहीं कोई उपाय,
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कभी कभी....
जिंदगी की कहानी,
किसी अधूरी कविता सी हो जाती है।
जिसे हर रोज थोड़ी_थोड़ी हम जीने लगते हैं।
ठीक वैसे_जैसे दरवाजे बंद हो तब भी
खुले झरोखों से झांकना हमे खूबसूरत लगने लगता है।
उड़ने को पंख होते हैं,
फिर भी उड़ने की ख्वाहिश नहीं होती है।
तब दर्द पुराने जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं।
जिंदगी जिस हाल में भी होती है
हमे खूबसूरत लगने लगती है...!!!-