Poonam kumari   (पूनम कुमारी (आगाज ए दिल))
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Joined 24 September 2018


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26 APR AT 23:44

First of all accept it, be with it
Don't try to escape from it.
Be aware of it .
Watch it consciously, and
let it be come to your surface of mind and automatically it will released.
By changing your attitude that
What happen, happen for you
Not to you..
By sharing with loved one
By writing on paper ,tear and flushed

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26 APR AT 23:23

दर्द से मिली ये सौगात
ढूँढते कुछ खुशी की लकीरे
समझे न कोई मन की बात
पार किये जा रहे हर बाधा,
जुनून ये हौसलों के साथ
मुश्किलो से मिलती
फिर भी कहाँ निजात?


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23 APR AT 10:23

शक्ति और आस्था
है जो भक्ति की पराकाष्ठा
हुआ न कोई युग मे ऐसा
हृदय में जिनके बसते श्री राम
है वो महावीर भक्त हनुमान।

श्री हनुमान जयंती की शुभकामनाएं
दुनिया से अनासक्त,
हो ईश्वर में आसक्त
आशीर्वाद रहे हनुमंत तुमरा
हो जाऊं तुमरे जैसा भक्त।

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23 APR AT 0:07

रहस्य हैं गहरे
नीरवता के घने पहरे
संसार जब अकर्म हो जाता
आँखे मूंदे सपनों में आता
भोगी कर्म का बीज बनाता
योगी ध्यानस्थ हो जागृत होता
सृजक जागृति को गढ़ता
रात के दिल ने सबको चाहा
सितारों को सजा दिया
चाँदनी उड़ेल दी
हवाओं ने खामोशियों में शोर किया
जिस रूप में चाहोगे, रात के दिल को
उस रूप में तुम्हे अपना लेगी।

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22 APR AT 21:13

उस नदी की भाँति
जिसे भय होता है,
अपने अस्तित्व को खो देने का ,
ठीक समन्दर में मिलने से पहले।
किन्तु नदी की नियति है
समन्दर से मिलना
वो चाहकर भी वापस नही जा सकती।

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22 APR AT 0:08

अँधेरे का दास्ताँ
पर ये क्या! चाँदनी बिखर गई
हँसके ये कह गई
तुम लिख न सकोगे अंधेरे को अंधेरे से
इसे लिखने के लिये
रोशनी का अहसास चाहिए।

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20 APR AT 23:24

मन ही मन ये रुदन
मुझको ये जलाती है,
लावा सा दहकाती है
अग्नि सा भड़काती है
शोर ये मुझमें दफन है
कड़ी धूप की जलन है
चीख दुनिया को बता जाऊँ
कब ज्वालामुखी सा फट जाऊँ
पर मर्यादायें बांधती है।
सब्र करना जानती है।
पूनम कुमारी(आगाज ए दिल)


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20 APR AT 22:24

मेरी जिंदगी में
तू मुझे करीब से
मोहब्बत करती रही
और मैं जाने कहाँ मुद्दत से
तुम्हें तलाशती रही,
स्वागत है जिन्दगी तेरा
मेरे मन के आवारापन में
तू मुझे हरपल समझाती रही
और मैं नासमझ नादान रही
स्वागत है जिंदगी तेरा
मेरे निराशा के अँधेरों में
तूने मुझे हौसलों से जिंदा रखा
और मैं समझती रही
खो गई यही कहीं
स्वागत है जिंदगी तेरा
मेरे सवालों के घेरे में
मैं इस जहाँ में उत्तर ढूंढती रही
और उत्तर बनकर तू
मेरे भीतर ही हँसती रही।

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19 APR AT 22:36

Lack of communication
Lack of understanding
Lack of acceptance
Lack of observation
Insensitivity
Ignorance
quick tempered
Immaturity
Egoistic
Impatient

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19 APR AT 22:23

मगर इंतज़ार में है
अपने जैसे खूबसूरत दिल की
जो संग जीवन के उत्सव मना सके।

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