एक दुआ में मैंने उसकी सारी तकलीफें मांग लीफिर खुशीयों ने मेरे तरफ आज तक मूड़ नहीं देखा -
एक दुआ में मैंने उसकी सारी तकलीफें मांग लीफिर खुशीयों ने मेरे तरफ आज तक मूड़ नहीं देखा
-
आखें तो थोड़ी ही नम थीपर आसूंओं से दिल पूरा भीग चूका थाजिन लम्हों में खुशी भरी थी वो पल भी अब बित चूका था -
आखें तो थोड़ी ही नम थीपर आसूंओं से दिल पूरा भीग चूका थाजिन लम्हों में खुशी भरी थी वो पल भी अब बित चूका था
आज कोई किस्सा या कहानी खत्म हो गयीया यूँ कहें खूशीयों भरी जिंदगानी खत्म हो गई -
आज कोई किस्सा या कहानी खत्म हो गयीया यूँ कहें खूशीयों भरी जिंदगानी खत्म हो गई
एक तरफा प्यार की बात ही कुछ खास होती है😊न उसे खोने का डर न ही उसे पाने की कोई आस होती है☺न उसे दूर रह सकते हैं न उसके पास जाने की वजह खास होती है😇बस उसके एक दिदार को तरसी हमारी आंख होती है 👀उसका दिदार होकर ही हमारे दिन की शुरुआत होती है🌅शायद इसीलिए एक तरफा प्यार की बात ही कुछ खास होती है.......... 😘😘💕💕💞💞❤❤ -
एक तरफा प्यार की बात ही कुछ खास होती है😊न उसे खोने का डर न ही उसे पाने की कोई आस होती है☺न उसे दूर रह सकते हैं न उसके पास जाने की वजह खास होती है😇बस उसके एक दिदार को तरसी हमारी आंख होती है 👀उसका दिदार होकर ही हमारे दिन की शुरुआत होती है🌅शायद इसीलिए एक तरफा प्यार की बात ही कुछ खास होती है.......... 😘😘💕💕💞💞❤❤
अधूरे ख्वाबअधूरे अल्फाजअधूरे ज्जबातअधूरी जिंदगी की हस्ती हो गईऔर जिसे डूबा दिया लहरों नेवो नदी किनारे बसी हमारी बस्ती हो गई आये है कुछ शहरी लोग हमारे गाँव हमसे हमारे ईमान का सौदा करनेशायद इनके नजर में कौड़ियों से अधिक हमारी जमीर सस्ती हो गई -
अधूरे ख्वाबअधूरे अल्फाजअधूरे ज्जबातअधूरी जिंदगी की हस्ती हो गईऔर जिसे डूबा दिया लहरों नेवो नदी किनारे बसी हमारी बस्ती हो गई आये है कुछ शहरी लोग हमारे गाँव हमसे हमारे ईमान का सौदा करनेशायद इनके नजर में कौड़ियों से अधिक हमारी जमीर सस्ती हो गई
आज क्यों सारे ख्वाब अधूरे से लग रहें हैंशायद सज सवर कर हम किसी को पूरे से लग रहें हैंआज उससे बिछड़े एक अरसा हुआफिर क्यों आज फिजा में उसके खूशबू घूले से लग रहें हैंआज फिर से उसे पाने को मन में आश हुआ हैशायद इस महफ़िल में हमारा आना किसी के लिए खास हुआ है -
आज क्यों सारे ख्वाब अधूरे से लग रहें हैंशायद सज सवर कर हम किसी को पूरे से लग रहें हैंआज उससे बिछड़े एक अरसा हुआफिर क्यों आज फिजा में उसके खूशबू घूले से लग रहें हैंआज फिर से उसे पाने को मन में आश हुआ हैशायद इस महफ़िल में हमारा आना किसी के लिए खास हुआ है
ना वक्त हैना ही मेरे पास कोई अल्फाज हैंखामोश हूँखामोशी में दबी हुई मेरी आवाज हैआंखें नम हैंआसुओं में बह रहें मेरे ज्जबात हैंहैरान हूँ थोड़ी परेशान भीकौड़ियों के भाव बिक रहे मेरे हलात हैं ना वक्त हैना ही मेरे पास कोई अल्फाज हैं.......... -
ना वक्त हैना ही मेरे पास कोई अल्फाज हैंखामोश हूँखामोशी में दबी हुई मेरी आवाज हैआंखें नम हैंआसुओं में बह रहें मेरे ज्जबात हैंहैरान हूँ थोड़ी परेशान भीकौड़ियों के भाव बिक रहे मेरे हलात हैं ना वक्त हैना ही मेरे पास कोई अल्फाज हैं..........
ये कैसी शहर को मौत की बिमारी हो गई चारों तरफ फैला महामारी का मंजर ये कैसी शहर में तबाही हो गईतिल -तिल करके टूट रहीं हैं सासें यहाँअब तो हवा भी बिकने वाली दवाई हो गईऔर जो अकेलेपन से डर लगता था कभीअब सबसे दूर रहना ही कोरोना की दवाई हो गई -
ये कैसी शहर को मौत की बिमारी हो गई चारों तरफ फैला महामारी का मंजर ये कैसी शहर में तबाही हो गईतिल -तिल करके टूट रहीं हैं सासें यहाँअब तो हवा भी बिकने वाली दवाई हो गईऔर जो अकेलेपन से डर लगता था कभीअब सबसे दूर रहना ही कोरोना की दवाई हो गई
आज हजार सितारे उतारे होंगे उन्होंने अपनी महफ़िल में मन बहलाने कोफिर भी खटक रही होगी हमारी कमी उनको अपना दिल लगाने को -
आज हजार सितारे उतारे होंगे उन्होंने अपनी महफ़िल में मन बहलाने कोफिर भी खटक रही होगी हमारी कमी उनको अपना दिल लगाने को
जो तुम्हारे प्यार का एक किरदार जिन्दा था मुझमेंउसके मरे अरसों हो चुके हैंजो जख्म तुमने मुझे दिये थे उन्हें खूरेदो मतउनके भरे अरसों हो चुके हैंजो कभी हमारे बीच नजदिकीयाँ थी बेशुमारआज हमारे बीच खडी़ एक दिवार के अरसों हो चुके हैंजो कभी एक अटूट बंधन था हमारे बीचआज हमारे रिश्ते में पड़ी दरार के अरसों हो चुके हैं -
जो तुम्हारे प्यार का एक किरदार जिन्दा था मुझमेंउसके मरे अरसों हो चुके हैंजो जख्म तुमने मुझे दिये थे उन्हें खूरेदो मतउनके भरे अरसों हो चुके हैंजो कभी हमारे बीच नजदिकीयाँ थी बेशुमारआज हमारे बीच खडी़ एक दिवार के अरसों हो चुके हैंजो कभी एक अटूट बंधन था हमारे बीचआज हमारे रिश्ते में पड़ी दरार के अरसों हो चुके हैं