सुना है मेरे साये भी पैकर बनने की फ़िराक में है..
मैंने इश्क वाली गली जाने से इन्कार जो कर दिया..— % &-
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"Sea" is BEA ❤️
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कुछ यादें घेरे रेहती है इस कदर..
शाम की चाय प्याली में ही रह जाती है..
अक्सर ऐसा होता है..— % &-
सींचे है मैंने पत्थरों के बीच कांच के दऱख्त..
और लोग कहते है बड़ा बच-बचके रहते हो..— % &-
रात को कहां पता था चांद से नजदीकियां हो जायेगी..
वरना ढलते सूरज के चाहनेवाले कम नहीं...— % &-
कभी न मिलने वाला यार
एक हमराही था वो..
लाखों कल ले पाये आकार
ऐसा कलाकार था वो..
यूं बिना कुछ कहे चला जाना है नागवार..
लोग पैसे, दिल न जाने क्या क्या लुटते है,
रूहें लुट ले गया ऐसा किरदार था वो..-
।।ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय।।
दिव्याने कोरोना चे कीटाणु नाही मरणार, तसेच ध्वनि ने पण नाही.. पण दृष्टिकोन सकारात्मक असेल तर एकतेचा सुर आणि नकारात्मकता छेदणारा सकारात्मकतेचा उजेड नक्कीच दिसेल.. ह्या परिस्थितीत एकजुटीने उभे राहूया-
अमृतातेही पैजा जिंके, माझी माय मराठी..
नसानसात भिनली, माझी माय मराठी..
गडकोट किल्ले गर्जे, लेऊनी साज मराठी..
बरसते सोनियाचा दिनू, होऊनी आज मराठी..
अवघी पंढरी झाली धुंद, दुमदुमला नाद मराठी..
हाकारते लेकरास धेनू, देऊनी साद मराठी..
भाळी गोंदण सजते, होऊनी साज मराठी..
स्वरा स्वरात घुमते, होऊनी गान मराठी..
माझ्या सकल बांधवांची, हि आन मराठी..-
ख़ता तो नज़रों की थी..
जो सरेआम बेपरवाह हो गई..
गुनाहगार वो बन गया..
सज़ा किसी और को मिली..— % &-
चाहें मुस्कुराना नहीं
हम नजर भर दीदार कर लेंगे
चाहो तो कुछ कहेंगे नहीं
हम धड़कन तुम्हारी सुन लेंगे
मगर जब भी मिलना,
बस पुरे इकरार से मिलना..
किसी गैर की तरह तुमसे पेश आना नहीं..-