हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ?
रहें आज़ाद या जग में, हमन दुनिया से यारी क्या ?
जो बिछड़े हैं पियारे से, भटकते दर बदर फिरते...
हमारा यार हम में है, हमन को इंतजारी क्या ?
ना पल बिछड़े पिया हमसे, ना हम बिछड़े पियारे से...
उन्हीं से नेह लागा है, हमन को बेकरारी क्या ?
~कबीर~- पारो राव
13 FEB 2019 AT 21:42