पैसा नही है मेरी जेब मे सिर्फ #बाला जी की #तस्वीर है।
सुबह शाम उसे देखती हूँ क्योंकि वो ही #मेरी_तकदीर है।।-
❤️एक मुलाकात ऐसी भी❤️
"हम परिंदो के मकानों में रहने वाले इस हल्के से झोंके से कही ढेह ना जाये,
वो पत्थर की हवेली के बादशाह इस वीरानी संग नदिओं में कही बेह ना जाये,
उनके गलियों से निकलने का कई बार सोचा इस बार ये कदम कहीं रुक न जाए,
सोचा आशिक सच्चा होगा तभी फ़िक्र करता है, मेरे लिए काश वो इस जनम कही झुक ना जाये,
एक काँधे का सहारा है तेरा साथिया वर्ना विरानो में तो काँधे कईओ के मिल जाए,
इस उजड़ी सी जिंदगी को सवारा तूने वर्ना पतझड़ में फूल कही न खिल पाये ❤️-
♥️एक मुलाकात ऐसी भी ♥️
शाम ढली और उनके वापस आने का शोर हुआ,
वो मुस्काये और गौर से देखा बोले
"कमजोर हो रही हो आप"
ध्यान क्यों नहीं रखती अपना,
मैं अपने आंसू छुपाये उनसे नजरें
मिलाने की कोशिश कर रही थी,
हथेली से ऑंखे पोंछ कर गले लगे
और फिर उनके वापस जाने का जोर हुआ 😰-
मोह्हबत हुई शुरू,,फासले बढ़ते गए,
उस परवाने के लिय हादसे बढ़ते गए,
वो मजबूर इतना था की दूर तलक खड़ा था,
हम नजदीक इतना थे के बेपरवाह उस पर मरते गए, 💔-
नीयत ठीक थी तो फिर इश्क़ ही क्यों,
जीवनसंगिनी बनाने का सोचा होता,
फिर यकीं मानिये जनाब ,
इश्क़ के चक्कर में ना कोई लोचा होता 😁-
गुजर गया वो दिन वो शाम क्या जाने,
महलो की बेगम को गुलाम क्या जाने
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फिर रो रो कर गुजरी हर शाम क्या जाने-
तेरा दिल टुटा और सौ बार टुटा ,
और सोच कर प्यार किया तो
क्या खाक प्यार किया 💔-
हाल ए दिल बताऊं कैसे,
तेरी यादो से वापस आऊं कैसे,
बताना चाहा तो बहुत कुछ था तुझको,
अब मौन से बाहर आऊ कैसे,
हाल ए दिल बताऊं कैसे ❤️-
"लेखिका की लेखनी को शब्दो का वार समझ बैठे,
इतने नासमझ है आजकल के लोग,
जो इसे प्यार समझ बैठे"..!!
(सहयोग के लिए धन्यवाद)-