तेरे दिल के सुरज को
मेरे आंचल में ढल जाने दे,
आज सुकून से जी ले,
कल को कल ही आने दे।-
Writer-Artist-Poetess by night.
My heart is where my thoug... read more
मेरी नन्ही परी,
किलकारियों से अपनी तुम
खिलखिलादो मेरा अँगना।
नन्हें क़दमों से चलकर
रौशन कर दो मेरी ज़मीन।
माँ को यूं न सताओ अब,
माँ कहकर तो बुलाओ अब।
खामोशी को तोड़ दो,
रूठना तुम छोड़ दो।
अब आ भी जाओ मेरे पास
मेरी नन्ही परी की है मुझे आस।-
जहां मोहब्बत बेहद सस्ती थी।
रास में डूबी हर हस्ती थी।
नस नस में मटरगश्ती थी-
सांसों का आना जाना, दिल का धड़के जाना,
लक्ष्य के बिना जिंदा होना, जीना हो सकता है क्या?
चलते जाना कहीं भी, बिना किसी मंज़िल के,
दिशाहीन व्यक्ति कभी कहीं पहुंच सकता है क्या?
रातों में रोशनी ढूंढना, सुबह को अंधेरा,
हर दम नुख़्स ढुंढनेवाला, खुश हो सकता है क्या?
सर्दी में गर्माहट, गर्मी में ठंडक की चाहत,
मेहनत से बचनेवाला, सफल हो सकता है क्या?
हर बात पे ना कहना, हर काम से जी चुराना,
कुछ नया ना सीखनेवाला, बेहतर हो सकता है क्या?
लोग क्या सोचेंगे, जाने क्या बातें बनाएंगे,
आलोचना से डरनेवाला, आसमान छू सकता है क्या?
खुदको रोकने वाला, खुदकी निंदा करनेवाला,
सफलता के राह पर कभी अग्रसर हो सकता है क्या?
बदल दो तुम बुरी आदतें, लगन से करो हर काम,
बिना खुद को दाबे, कोयला हीरा बन सकता है क्या?
ख़्वाबों की मशाल जलाए, जो तापे खुद को मेहनत से,
उस शख़्स को उड़ान भरने से, कोई रोक सकता है क्या?
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कोई पक्षपात नहीं होता।
जाती धर्म के आधार पर,
वहां सम्राट नहीं होता।
प्यार अब भी वहां मासूम है,
दिल को आघात नहीं होता।
ख़्वाहिशों की ओट में
कोई अज्ञात नहीं होता।
ज़रा धीरे चलता है समय,
वहां कुछ अकस्मात् नहीं होता।
हर शख़्स का अस्तित्व है
वहां कोई गुमनाम नहीं होता।
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मेरे पांव में बेड़ियां मैंने खुद डाली है,
मैंने ही खुद को नज़रबंद भी किया है।
किसी और से क्यों मांगूं मैं आज़ादी
लोगों की आशाओं के बोझ से
मैंने ही तो खुद को बोझिल किया है।-
अब नहीं है किसी पे हमें ऐतबार,
दिल को नहीं है किसीका इंतज़ार।
लुटा चुके हम अपनी मोहब्बत सरेआम,
अब नहीं है किसी के इश्क़ की दरकार।-
कोई खुद ही अपना संसार उजाड़े तो क्या कहना,
कोई दिल से यूं ही तुम्हें निकाले तो क्या कहना।
नहीं मंज़ूर किन्हीं आंखों से अब गंगा को बहना,
कोई खुद ही बंजर होना चाहे तो क्या कहना।-
चाहते तो मुझे सब हैं,
लेकिन अपनाता कोई नहीं।
चरित्र मेरा सबको लुभाए,
फिर भी सब दूर हो जाएं।
इस दिखावे की दुनिया में
वो ढूंढ रहे हैं गुलाब,
क्या आकेंगे कीमत मेरी,
हूं क्या मैं, बस एक बनफूल
बस एक बनफूल।
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