लोग सिर्फ अपनेपन का दिखावा करते हैं
अपने होते नहीं हैं-
तुम्हीं मेरी चाहत हो
तुम्हीं मेरी बैचेनी
तुम्हीं मेरी राहत हो
तुम तड़प हो मेरी
तुम्हीं मेरा सुकून हो
तुम दुआ हो मेरी
तुम मेरा जुनून हो-
तुमसे मिलने की चाह है
तुम्हें देखने की है तृष्णा
अपने अधरो पर मुस्कान लेकर
हमारी कुटिया में कब आओगे कृष्णा...-
क्षण-क्षण वो बदलेगा
कभी आंधी कभी तूफान
कभी करेगा शीतलता प्रदान
कभी करेगा कड़कती धूप
कभी सुहावना होगा इसका रूप...-
तू बसा है मेरी यादों में
हरपल दिल ये तुझे सोचे
तू समाया है मेरी सांसों में...-
मां का स्वरूप है हर नारी
करो नारी का सम्मान
मां प्रसन्न होती है उसपर
जो बढ़ाए नारी का मान
मां की स्तुति का स्वांग रचते हो
और करते हो नारी का अपमान
नारी का हर रूप पूज्यनीय है
क्या नहीं है तुमको ज्ञान
नारी होती है करुणामयि
नारी जगत में है महान
नारी ही है आदिशक्ति
नारी ही है सर्वशक्तिमान ...
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जीवन जीने का सलीका
सबने अपनी जिन्दगी में
इन गलतियों से ही सीखा
ये गलतियां ही हैं जो
हमे सबक सिखाती
अपने मार्ग से जो भी भटके
उन्हें सही राह पर है लाती
मेरी गलतियों ने मुझे सिखाया
कि भरोसा किसी पर न करना
उन्होंने क्या खुब हमे लुटा
जिसे समझा था कभी अपना
हम कभी ऐसे नहीं होते
अगर जो गलतियां न होती
हम जागते न रहते
जब सारी दुनिया सोती
मेरी गलतियों ने मुझे सिखाया
कि फिर गलती नहीं करनी
लेकिन गलत लोगों से
है खुद की रक्षा करनी...-
that what is the responsibility
what are relations
what is worldliness...-
अश्कों को छुपाना आता है मुझे
अपने दर्द को सीने में दबाकर
महफिल में मुस्कुराना आता है मुझे...-
लाख कोशिश की खुद को ये समझाने की
कि कोई अपना नहीं है
नादान था ये दिल कुछ समझ ही न पाया
जिसे भी अपना समझा हमने
उससे धोखा ही खाया
जहां जरूरत थी किसी अपने की
वहां खुद को तन्हा ही पाया
जिससे भी हमदर्दी की ख्वाहिश थी
उसने ही खूब दिल दुखाया
जिससे खुशियों की उम्मीद की थी
उसने ही बहुत रुलाया
लाख कोशिश की मैंने
लेकिन हाथ कुछ भी न आया...-