देखो,
अवश्य ही कुछ जान पाओगे..!
नहीं समझ पाए, यदि दिल की भाषा,
तो फिर स्वयं ही पछताओगे..!
क्योंकि दिल की होती है,
एक ऐसी भाषा..!
जिसे समझें केवल वहीं,
हो जिसके दिल में इसे समझने की अभिलाषा..!-
जो निज वाणी को प्रदान करती है अभिव्यक्ति ।।
😊
🎂22 septem... read more
बैर किसी से कभी न करना..!
मिल-जुल संग सबके साथ रहना,
दिल की बात एक दूजे से कहना..!
नाम "हरि" का सदा ही भजना,
मुख से श्री "राधे-राधे" कहना..!
पाठ जीवन का यह याद रखना,
और लक्ष्य सारे ऐसे ही पूरा करना..!-
अक्सर...अकेली बैठी बैठी,
निहारती हूं मैं घर की खिड़की...!
देखती हूं, कभी रास्तों से चल रही वाहनों को,
तो कभी मनुष्यों की भीड़ को...!
अकेलापन क्या है,
अब मुझे समझ में आने लगा है..!
दिनभर खुद को अकेला पाके,
यह दर्द मन को अब भाने लगा है...!
देखती हूं, खिड़की की छज्जों पर अक्सर,
कुछ चिड़ियां आती है दाना चुगने...!
बिखरी हुई उन दानों में,
कुछ नवीन प्रेम कुछ सपनों को ढूंढने...!
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जोश नया स्वयं में भरकर देखो ।
तभी जो चाहो वह पाओगे
जब कठिनाइयों से नहीं तुम घबराओगे ।-
अभी समय नहीं है डरने का...
अभी ही तो समय है कुछ करने का..!
क्योंकि, सफ़र यहीं है ज़िंदगी का...
और यहीं ज़िंदगी है आज़ादी का..!-
मन की अनगिनत परतें है,
कि इसकी भी कुछ सरतें है..!
है जीवन में खुश रहना अत्यंत ज़रूरी,
चाहें जीवन में आए कितनी भी मजबूरी..!-
किंतु कुछ इसकी भी सरतें है..!
कि... जीवन में खुश रहेना भी है अत्यंत ज़रूरी,
चाहें जीवन में आए है कितनी भी मजबूरी..!-
सपने मन में तुम भी बूनों...!
राह जीवन में अपने स्वयं से चुनो
और धड़कन सदा अपने दिल की सुनो...!-