ख़ामोशी के इस आलम मे
जज्बात छुपाएं बैठें हो..!!
अपने में ही कहीं....इक दर्द छुपाए बैठे हो,,!!
इस दिल में... कई राज दफन कर बैठें हो,,,,!!-
जय श्री कृष्ण 😇😇
एक कहानी तुम संग लिखनी है...
सितारों वाली रात में उसे पूरी करनी है...-
ना जाने हम इतने नासमझ कैसे हो गए
बस अपनापन ही तो लगा था..
उसमें ही हम इतना खो गये...
आंखों पर पर्दा ना जाने कैसे लग गया..
धोखा खाकर भी,,,
हम फिर धोखे में रह गये..-
डर लगता है हर पल अब इतने रंगों से
बाकी सभी रंगों की फितरत में समझ जाती हूं
पर ये जो काला रंग इससे तो में आज भी डर जाती हूं
कोशिश करती हुं जिंदगी में इस से बार-बार बचने कि..
पर ये रंग अपनी तमाम ताकत लगा फिर से
चला आता है....दर पर मेरे...-
इतना भी न सताओ कि हम टूट जायें
जुड़े हैं बहुत मुश्किलों से,,
फिर कहीं कदम लड़खड़ा न जायें....
हां, कहते नहीं कुछ पर दुखता है दिल हमारा भी,,,
इतना भी तो अब ना करों कोई सितम,,
कहीं हम फिर खुद से रूठ न जाये...
फिर कोई कोशिश न काम आयेगी
न ही कोई मरहम हमें रास आयेगी,,
बहती हवा में बस फिर आखिरी सांस आयेगी...-
तु था हीरा मैं तेरे काबिल न थी...
कुबूल हो दुआ इतनी भी मेरी हसरत न थी...
टुकड़ों मैं टूटा कहा अब जुड़ पायेगा..
मन्नत का धागा भी कहा मुझसे अब बंध पायेगा..-