I am what I think
Not what you think-
सादगी ऐसी कि आईना भी पिघल जाए
और काबिलियत ऐसी कि बाकि सब फीका पड जाए..........
मगर गालिब तारीफ करे किन लफ़्ज़ों में उनकी
जमाना तो सोने मे भी खोट देखता है-
राधा सा समर्पण हो जाएगा मेरे प्रेम में
ग़र प्रयाग सा पवित्र मिलन हो तेरे प्रेम में-
Snapchat के जमाने ने चेहरो की खुबसुरती मे चार चाँद लगा दिये,
पर दिलों की खुबसुरती को फीका कर दिया-
हमारा down to earth रहना हि
पहचान है, हमारे ज़िंदा होने की
वरना अकड़ तो मुर्दो मे भी बहुत होती-
जो शायद Last drawer के last पन्ने के नीचे दबी
ख्वाहिशों में हो कहीं
जिन्हें खोला जाए
और कुछ लिखा जाए
कविता जो लिखि नहीं अब तक
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हर बात अल्फाजों में बयां हो
जरुरी नही होता
कभी-कभी ख़ामोशी को भी समझ जाया करो-
सुना है तेरे शहर मे रोशनी बहुत है
और हमे अंधेरों मे रहने की आदत है— % &-
नारी तुम केवल श्रद्धा नही हो
तुम क्रोध हो
विश्वास हो
संघर्ष भी हो
साहस हो तुम
ब्रह्माण्ड हो
शुन्य मे अनन्त हो तुम
नारी तुम केवल श्रद्धा नही हो— % &-
मुश्किले हजार आती हो भले
पर मुस्कुराते रहिए
क्योकि..........
ज़िन्दगी मे ज़िन्दगी भी रहनी चाहिए— % &-