हमारे प्रेम की पराकाष्ठा यही है कि
किसी और के हो कर भी
'हम'
बस एक दूसरे के ही हैँ ..-
Wish me on 20 december
Insta - @poojagupta_preet
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filled with
Love.. Care.. Concern..
No show offs..
just Simple and Pure..
like a SEA
♥️-
बढ़ जायें फासले जो कभी अपने दरमियाँ, कुछ देर को ठहर के वजह इस की सोचना!
क्या रह गयी कमी हमसे निभाने में,या अब वफ़ा नहीं रही शायद ज़माने में!
हम भूल गए इश्क़ के हसीं दौर को, क्या वक़्त दे रहे हैं अब किसी और को!
कटती नहीं थी शाम तब दीदार के बिना, जब दिन के हर पहर को इंतज़ार में गिना!
अब ढूंढते हैं बहाने हम बात के लिए, कितने अजीब ख़ामोशी के सिलसिले हुए!
रूठे कभी तो टूट के मानते थे किस कदर, मन को नहीं रही है अब मन की ही कुछ खबर!
कोई चुप रहे तो उस से शिकायत भी क्या करें, टूटे हुए दिलो की अब हालत भी क्या कहें!
बदला है वक़्त हम तो हैं अब भी वहीं खड़े, कोशिश करे थोड़ी, ज़रा हालात से लड़े!
फिर से करें शुरू ये हँसी प्यार का सफर, रहते थे जहाँ हम तुम ज़माने से बेख़बर!-
ह्रदय को इंतज़ार है ऐसे तुम्हारा
प्रयागराज को कुंभ जैसे !!
स्वरचित
डॉ. पूजा गुप्ता प्रीत-
कब तक रहोगे बन के यूँ ख्याल बस मेरा
मिलकर कभी तो पूछ लो तुम हाल भी मेरा।
जब ज़िक्र चल रहा था मोहब्बत का हर तरफ
उस दौर में भी हम को था मलाल बस तेरा।
खुद को भुला के तुझको उतारा है रूह में
फिर भी मेरी वफ़ा पे है सवाल क्यूँ तेरा।
मेरी हदें हैं कुछ तो कुछ तेरी हैं बंदिशे
मिलता है अब तो वक़्त भी संभाल कर तेरा।-
जो झुकी नज़रों से ही असर कर दे...
उसके सामने फिर सारी दुनिया बे-असर है!-
जाने की कहीं राहें नहीं मिलती
मेरी इस बेकरारी की खबर तुमको नहीं लगती।।
जो आ जाओ कभी तुम सामने तो सोचते हैं हम
कि तुम तो ख्वाब में हो, ये हक़ीकत तो नहीं लगती।।
उठे इस दिल की जानिब से तमन्ना तुम को छूने की
मगर ख्वाहिश मुक़्क़मल हो ये सूरत ही नहीं लगती।।
मिलेंगे एक दिन तुमसे समंदर के किनारे हम
जिस दिन रेत पर लहरों की आहट भी नहीं लगती।।-
मेरी नींद है उड़ी हुई, हर घड़ी तेरा ख्याल है…
मेरे सामने बैठे रहो, मेरी तिश्नगी का सवाल है..
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मेरी नींद है उड़ी हुई, हर घड़ी तेरा ख्याल है…
मेरे सामने बैठे रहो, मेरी तिश्नगी का सवाल है..-
भिगो देती हैं अंतर्मन को
बिखेर देती हैं मुस्कान चेहरे पर
साथ ले जाती हैं किसी और ही दुनिया में!-