Pooja Balotiya  
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Hum bas likh dete h
Like karo comment karo
ya kuch na karo marzi ap ki.
Joined 29 March 2019


Hum bas likh dete h
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22 OCT 2019 AT 6:57

गुमनाम है इस कदर गलियों में तुम्हारे,
कि ऊँची इमारतें हमें रास नहीं आती

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13 OCT 2021 AT 22:06

बड़े ही अजीब से मुकाम पर आ गई है ये ज़िंदगी,
न ही ख़ामोश रहती है और न ही कोई शोर करती है......

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29 SEP 2021 AT 21:17

बहुत दिनों से ये कोरे कागज़,
मुझे प्यार से पुकार रहे थे,
आज थोड़ी फुर्सत मिली है,
तो सोचा इनसे मुलाकात कर लूँ....................

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21 FEB 2021 AT 19:51

नहीं होती थी जिन महफ़िलों में रोनक हमारे बिना,
अब उन महफ़िलों को हमारी ज़रूरत नहीं पड़ती!

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26 JAN 2021 AT 17:56

अधिकारों एवं कर्तव्यों की गुथ्थी,
आपको भी उलझाती है क्या?
अधिकारों के लिए लड़ने वालों को,
अपने कर्तव्यों की याद आती है क्या?
अपनी औलाद को भूखा रखकर ,
एक माँ कभी चैन से नहीं सो पाती है,
वही माँ अगर भूखी सोए,
तो औलाद की नींद उढ़ जाती है क्या?
अधिकारों के लिए लड़ने वालों को,
अपने कर्तव्यों की याद आती है क्या?
बात होती है जब मतलब की अपनी,
लग जातें हैं हम लम्बी कतारों में भी,
बूढ़े माँ-बाप की दवाई के लिए ,
हमें ये कतारें भाति है क्या?
अधिकारों के लिए लड़ने वालों को,
अपने कर्तव्यों की याद आती है क्या?
लड़खड़ानें लगतें हैं जब पैर माँ-बाप के,
छोड़ आती है औलाद उन्हें वृद्धाश्रम के दरवाजे तक,
टूटी हुई बैसाखी के सहारे ,
माँ वापस घर जाती है क्या?
अधिकारों के लिए लड़ने वालों को ,
अपने कर्तव्यों की याद आती है क्या????

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6 JAN 2021 AT 9:37

मर जातें हैं जब हमारेे ख़्वाब सारे........

तब ये कलम अपनी रफ़्तार पकड़ती है।

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4 JAN 2021 AT 23:57

मैं अपनी किताबों को कभी बन्द करके नहीं सोती ,
क्योंकि अगर मेरी किताबें सो गयी तो मुझे कौन जगाएगा?

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4 JAN 2021 AT 18:47

अमीरों को उनकी अमीरी; अक़्सर गरीबी में जीनें को मजबूर करती है,
लेकिन गरीबों को उनकी गरीबी ;कभी अमीरी में जीने को मजबूर नहीं करती!

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3 JAN 2021 AT 17:11

मैंने अपनी इस छोटी-सी उम्र में भी बहुत नाम कमाएँ हैं -

मैं कभी दीवारों पर नहीं चिपकती,
फिर भी पापा मुझे "छिपकली" कहकर बुलातें हैं।

मैं कभी कोई नाटक करती ही नहीं,
फिर भी मम्मी मुझे "नोटंकी" कहकर बुलाती है।

दांत पुरे-के-पुरे 32 है मेरे,
बड़ी बहन फिर भी मुझे "बोखली" कहकर बुलाती है।

रंग ठीक-ठाक ही है मेरा.......
बड़ा भाई फिर भी मुझे "कालू" कहकर बुलाता है।

और छोटे भाई की तो बात ही मत पूंछो..........,
जो दिल में आता है, मुझे वही कहकर बुलाता है।😀😀😀😀

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2 JAN 2021 AT 18:39

ए-ज़माने!

लगता है तेरा और मेरा दर्द एक जैसा है,

तभी तो, मैं बात अपनी करती हूँ.........

और तुम अपनी समझ लेते हो!

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