आया आज ना जाने किस गली में
ना हवा में प्रेम है,
ना इरादों में प्रेम है,
बातों में जो प्रेम है,
वो भीतर मन में नहीं।
आँखो की चमक मे दिख रहा,
यहाँ हर तरफ़ हवस का चेहरा॥
चेहरों पे नक़ाब है,
इरादे बेक़ाब है,
रहता कहा है इंसान?
जिसे भूक हो प्यार की,
ना सिर्फ़ जिसमो की आस हो ॥-
I think of you every night
Recalling memories of every sight
Smile, laugh and teary eyed
The pain in my chest weighed
The pain heavier than
Responsibilities I hold
The pain heavier than
Anything in the world
I lost my hope
I lost my escape
I lost “ everything which was mine
I lost YOU”-
खुद को छुपा कर मत रखो
खुद से धोका मत करो
हो हुनर तो निखारो उसे
खुद के लिए ही सही
ऐलान करो दुनिया से।
खुद को छुपा कर मत रखो
सवालो को सिरहाने मत रखो
जो उठा सवाल बयान कर लो
जो उठी बातें उसे सुलझा लो ।
बातें जितनी भी लोग बनाते है
पल दो पल मे भूल जाते है
उन बातों से खुद को सताओ मत
बेवजह खुद को छुपायों मत ।
होती है बातें होने दो
खोते है लोग ,खो जाने दो
जो होगा तुम्हारा वो साथ निभाएगा
जूठी बातों मे ना आएगा।
-pooja Bagrecha chajjed-
ऐसा सोचा हर जगह जाता है
सब अच्छा होता है
या धुंधला हो जाता है
सब अच्छा होता है
या सब कच्चा हो जाता है
लोग अपनी कही भूल जाते है
और धीरे धीरे सुनी बातें भी
ग़लत फ़मिलयों के जंजाल से
कोई निकल नहीं सका है
बचा सिर्फ़ वो है जो भरोसा करता है
लोगों पे भरोसा करता है
ना की उनके बारे में सुनी बातों को।
धीरे धीरे सब अच्छा हो जाता है
कुछ कच्चा हो जाता है
और कुछ को भूला जाता है
-Pooja Bagrecha Chhajed-
Jab bhi Dekhu tasveer teri
Aapki pyaari muskaan yaad aati hai
Jo aaj bhi nam Karde meri aankhen
Woh baatein yaad aajati hai…-
पढ़ना हर कोई चाहता है उन आँखों को,
वो जो अक्सर चशमे के पीछे छुपी रहती थी,
कभी रख लेती अगर चशमे को सिरहाने,
तो डूब जाती वो आँखे किताबों मे,
वो आँखें जो कभी किसी तरफ़ मूडी नहीं,
ना कभी किसी को देख उठी है,
लोग कहते है की उसे इंसान पसंद नहीं,
क्यूँकि कभी किसी से वह बतलाती दिखी नहीं,
हमेशा बस अपनी किताबों मे मस्त ,
कभी पेड़-पोधो से बतलाती थी,
जानवरो से भी प्यार जताती,
पर कभी किसी इंसान संग वो बैठी नहीं,
आँखे अक्सर गहरे घाव दिखाती है,
शायद इसीलिए अपनी नज़ारे छुपाती है,
भुला कर अपने ग़मों को,
बस थोड़ा सा जीना चाहती है ॥-
में आज भी वैसी हूँ,
चेहरे पे जो दर्द था,
दिल पे जो ज़ख्म थे,
आज भी हरा है वो,
बस फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है,
तब सब को दिखता था,
आज मुस्कुराहट से चुपा लेती हूँ ।
लड़की हूँ,
रोज़ कई हुनर सीखती हूँ ॥
-
एक बार फिर कही से आजाओ ना दादी
मुझे फिर वो बचपन की कहानियों में ले जाओ ना
यूही फिर बालों को सेहला दो ना दादी
मुझे फिर पास सुला के लोरी सुना दो ना दादी
मुझे एक बार goodmrng,goodnight कह दो ना दादी
फिर मेरा मन पसंद खाना खिला दो ना दादी
एक बार फिर कही से आजाओ ना दादी
पास ना सही सपनो में तो आजाओ ना दादी…
— pooja Bagrecha-
आज डिब्बे में एक अंगूठी मिली
जो सालो से सम्भाल रखी थी
वो प्यारी सी मुस्कान मिली।
एक उम्र से सजा रखी थी
ऐसी पुरानी उस डिब्बे की बनावट मिली।
दादी ने शायद दादाजी को दी थी
ऐसी यादें उसमें कई पुरानी मिली।
खुद भूल कब कहा रखी थी
ऐसे पहले प्यार की झलक मिली।
मेरे हाथ में डब्बा देख मुसकाया
बरसो बाद किसी चीज ने उनको यूँ हंसाया।
आके चुपके से ले गए वो
सीने से उसे लगा, चैन की नींद सोगए वो
शायद इसी की खोज में जी रहे थे
क़ायम अपना प्यार कर चल रहे थे
चेहरे की उसकी चमक बता रही है
ख़ुशी और प्यार का गहरा राज गा रही है॥-
आज डिब्बे में एक अंगूठी मिली
जो सालो से सम्भाल रखी थी
वो प्यारी सी मुस्कान मिल।
एक उम्र से सजा रखी थी
ऐसी पुरानी उस डिब्बे की बनावट मिली।
दादी ने शायद दादाजी को दी थी
ऐसी यादें उसमें कई पुरानी मिली।
खुद भूल कब कहा रखी थी
ऐसे नादान प्यार की झलक मिली।
मेरे हाथ में डब्बा देख मुसकाया
बरसो बाद किसी चीज ने यूँ हंसाया।
आके चुपके से ले गए वो
सीने से उसे लगा कर सो गए वो।
शायद इसी की खोज में जी रहे थे वो
अब सीने से लगा कर दोनो एक हो गए वो।
चेहरे की उसकी चमक बता रही है
वो पहले प्यार का गहरा राज गा रही है॥-