Poison TZBAZ   (Poison~)
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Joined 30 November 2017


Joined 30 November 2017
5 SEP 2023 AT 0:16

रिश्तों से हारना पड़ता है..

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5 SEP 2023 AT 0:14

जब हाथ छुड़ाकर जाने वाले
पीछे मुड़कर भी नही देखते

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14 AUG 2023 AT 0:27

Behind my True self..
As people can't handle reality these days..

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12 AUG 2023 AT 23:24

One More Day to Endure your Pain..

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4 FEB 2022 AT 12:33

ज़िंदगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हा है और जान तन्हा

हमसफ़र कोई गर मिले भी कहीं
दोनों चलते रहे तन्हा तन्हा

जलती बुझती सी रौशनी के परे
सिमटा सिमटा सा एक मकान तन्हा

राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जायेंगे ये जहां तन्हा..— % &

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30 DEC 2021 AT 0:14

ना गिले रहे,ना गुमा रहे, ना गुज़ारिशें, ना गुफ्तुगु,

ना मैं रही, ना तुम रहे, ना फरमाइशें, ना जुस्तुजु..!!

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28 DEC 2021 AT 11:58

उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है,
साथ ही मोहब्बत का वास्ता भी लिखा है,

उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना,
साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है,

कुछ हर्फ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,
कुछ हर्फ में उस ने हौसला भी लिखा है।।

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22 DEC 2021 AT 14:13

Bano jo “Dost” to phir sirf “Wafa” ho jao
Bano jo “Pyar” to phir had se “Fida” ho jao
Bano jo “Dil” to dhadkan ki “Sada” ho jao
Bano jo “Zulf” to badal ki “Ghata” ho jao
Bano jo “Khoon” to rag rag main “Rawaan” ho jao
Bano jo “Dard” to zakhmon ki “Dawa” ho jao
Bano jo “Haath” to phir “Dast-e-Dua” ho jao
Bano jo “Husn” to “Pakeeza Haya” ho jao
Bano jo “Jaan” to phr “Jaan-e-Wafa” ho jao.

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10 DEC 2021 AT 12:43

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता हैं..
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है..!

घर की वहशत से लरज़ती हूँ मगर जाने क्यूँ..
शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है..!

डूब जाऊँ तो कोई मौज निशाँ तक न बताए..
ऐसी नदी में उतर जाने को जी चाहता है..!

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19 NOV 2021 AT 15:11

तुझसे मोहब्बत की भूल पे हम को इतना तू बदनाम न कर
हम ने अपने घाव छुपा कर तेरे काज सँवारे हैं।।

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