Poetrybysneha ✒✒✒📝   (@Sneha pritam)
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Joined 31 May 2020


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4 JUL 2024 AT 22:29

याद नहीं आता है
मंजर वो भूला सा
मानो वो लगता हो
सपनों की टहनी था
वीरान सा सड़क पर
लड़खड़ाया कपकपाया सा
अन्दर से बिखरा पड़ा वो
साया था कुछ अपना सा ।

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4 JUL 2024 AT 22:12

खुद से रिश्ता कायम रखना
ऐ ज़िंदगी तू अपना भी जरा ध्यान रखना
बस उम्र कट जाए इतना एहसान करना
खोखले वादों में हमको ना उलझाना
रिश्ते की डोरी में मिश्री सा स्वाद घोलना
कुछ इस तरह तुम अपना ख्याल रखना

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3 JUL 2024 AT 19:28

सादगी,
सच्चाई
और
सौम्य स्वभाव।

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19 NOV 2021 AT 15:01

इरादे तो हैं बुलंद , बस
इक ज़रा हौसला चाहिए
दूर मंजिल तो क्या , बस
इक ज़रा रौशनी चाहिए
वक्त की कैद से मुझे , बस
इक ज़रा रिहाई चाहिए ।

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15 NOV 2021 AT 17:23

Journey .
Just enjoy it .

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15 NOV 2021 AT 17:07


"इस लौ की तरह ही जल जाएँगे हम"
"जाते-जाते भी उजाला कर जाएँगे हम"
बड़े दिनों बाद एक बार फ़िर से लौट आए हैं हम
तेरे शिकवे-गिले को चुटकियों में दूर कर आऐंगे हम ।




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22 JUL 2021 AT 11:46

life is a gift
given by
the "GOD",
That's
we know
as "MOTHER" .

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20 JUL 2021 AT 15:16

मन तब शांत होता है
जब बाहर कोई तूफ़ान चल रहा होता है
मन विचलित हो उठता है
जब भीतर का तूफ़ान बाहर आना चाहता है ।

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19 JUL 2021 AT 14:36

सच्चे प्यार की
ज़रूरत तो होती ही हैं
परन्तु उसे पाने की चाह में
गलत कर जाना बेवकूफी हैं ।

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18 JUL 2021 AT 18:27

बूँद बूँद जीवन बरसे
मनवा काहें तू तरसे...
गरज गरज बदरा थके
मनवा काहें तू हर्षें....

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