Poetry _World   (Shubham Mukkawar)
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Joined 31 July 2018


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30 AUG 2023 AT 23:28

कुछ पल,यादें बन जाते है
कुछ हसी की धुन,सपने बन जाते है
कुछ बाते,अधूरे रह जाते है
कुछ अपने लगने वाले ,अज्ञात हो जाते है
कुछ साथ में बनाए ख़्वाबो भरे रास्ते,अलग हो जाते है
कुछ भावनाए,जीवन जिने की परिभाषा बदल देते है
कुछ सवाल, हमेशा के लिए प्रश्न चिह्न बन जाते है
कुछ लेख,उल्लेख नहीं किए जाते
कुछ शब्द,मौन बन जाते है
कुछ आँखें, विलुप्त हो जाते है
कुछ ख़ुशी के रंग,बेरंग हो जाते है
कुछ रिश्ते,फ़रिश्ते बनके उड़ जाते है

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15 AUG 2023 AT 5:53

In life closer one only hurts
And you will stop complaining

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15 AUG 2023 AT 5:50

Mistakes are done by human not a problem but not accepting the mistake is big problem

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1 JUL 2023 AT 7:24

सुनेरे पल के दो वक़्त पाने के लिए
मेहनत को रंग देना बाक़ी है

मुश्किलों से भरे रास्ते पड़े है
तो उसको पार करना बाक़ी है

हारा नही
जीत को चखना बाक़ी है

सौ सवालो पे उलज के ज़िंदगी के
उसके जवाब खुदको पुचना बाक़ी है

बित रहा है एक-एक दिन
खुदके सपने भरे दिन आना बाक़ी है
और उस सोच तक जाना बाक़ी है

अपने सपनों भरे लेख को खुदसे उल्लेख कर
उसको लिखना बाक़ी है

खुदके चहरे पे टूटा नक़ाब डाल कर
उसको जोड़ना बाक़ी है

फूलों और काटो से भरी खुदकी किताब को
नसीब को कलम बनाकर उसपे लिखना बाक़ी है

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29 JUN 2023 AT 10:36

In Life Some Bonds Are Remains The Same And Grow Stronger Than Ever In Whatever The Stage We Are At

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3 MAR 2023 AT 6:38

मुश्किलोंसे आँख दिखाकर, लड़ना सीखा
काटोसे भरे वक्त में,सोचके साथ चलना सीखा
हर पल की याद रखके,रुकना सीखा
लड़ते-लड़ते हसकर,ज़िंदगी जीना सीखा

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10 FEB 2023 AT 4:55

लढ़ाई खुदसे 🤝
ख़ुद के साथ है🤔
तो ख़ुद ही लढ़ना पड़ेगा😌

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17 NOV 2022 AT 12:58

इस reel life में
हम तो real life को भूल ही गए

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17 NOV 2022 AT 12:56

आये थे माँ के कवच के साथ
और जायेंगे बनके राख
सब करते है याद जब रहता नहीं कोई श्वास
बस ख़ुदपे रख विश्वास

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17 NOV 2022 AT 12:53

मैत्रीच नात जो असतो ना
ह्रदयस्पृशी असतो

जो दोन शब्दात सांगता येनार नाही जो की अनुभवाने त्याचा अर्थ समजवतों

अस आहें की त्याचा अर्थ कुठल्या शब्दकोषात पन नाही सापडनार जो त्याच्या सहवासात सापडतो

जो की दुःखाला पन सूखात रूपान्तर करतो

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