वो कालि रात आज भी सवाल करती है,
वो चीख आज भी कानों में गूंज करती है,
वो लाचार माँ-बाप आज भी न्याय पाने के लिए लाइन में लगते है,
वो सूना पड़ा घर आज भी अपनी लाडली कि आवाज सुनने के लिये तड़पता है,
पर क्या फ़र्क पड़ता है.., क्योंकि
कुछ दिनों के शोर के बाद समाज तो सब कुछ भूल जाता है,
पर उन लड़कियो का क्या जिन पर हर इल्जाम लगता है,
न जाने हर सवाल हमसे हि क्यों पूछा जाता है,
पर उन हैवानो का क्या जो आज भी सड़को पर खुला घूमता है?
जो न्याय को अपने हाथों कि कठपूतली समझता है??
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poetry pitara
(Phalak :))
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कुछ अनकहे से अल्फ़ाज है जिन्हें लिखकर बयां करती हु..,
मैं शायरी नहीं जनाब अपने दर्द-ए-दिल क... read more
मैं शायरी नहीं जनाब अपने दर्द-ए-दिल क... read more
Joined 2 September 2018
5 DEC 2019 AT 19:40
30 DEC 2021 AT 14:03
कोई किसी के बिना कहा मरता है,
जाने वाला तो एक बार जाता है,पर
उसकि याद मे उसका चाहने वाला हर रोज तिल तिल कर मरता हैं....-
30 DEC 2021 AT 13:55
इक रोज तुझे बङि फुर्सत से निहारेंगे,
महलों में नहीं तुझे महकि फिजाओं में तलाशेंगे....-
20 DEC 2021 AT 20:27
Yes i have no guts to accept that u can't be seen more,
But i have guts to accept that i love u and miss u ,even more.....-
18 DEC 2021 AT 19:19
लौट के भला वापस कौन आ पाया है,
वक्त ने शायद इसीलिए यादो के साथ जीना सीखाया है।
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16 DEC 2020 AT 14:11
मुझे मालूम ही ना था कि लोग मोहब्बत का भी सौदा करते हैं..,
वफा के नाम पर बस मीठी-मीठी बातें करते हैं..!!-
6 DEC 2020 AT 14:18
वो पूछते हैं हम काजल क्यूँ लगाते हैं..,
अरे हुजूर अब कैसे बताये कि हम उन्हें अपनी आँखों में बसाते है..!!-
13 NOV 2020 AT 16:38
ना जाने क्यूँ उनके घरों में अंधेरा रह जाता है..,
जिनकी वज़ह से हमारा घर जगमगाता हैं..!!-