क्या बताऊं कमाल लगते हो ,
जब समझने को बैठु, तो मुश्किल एक सवाल लगते हो ।।
खुदा कसम बड़ी शिद्दत से चाहा है तुम्हे ,
सूट पहन कर लगा लो जो तुम बिंदी, कसम से बवाल लगते हो ।।
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हाल मेरा वो जानता भी नही ,
अपने ही शहर में, मुझे कोई पहचानता ही नही ।
ओर अब शिकायत करना तो जायज ह मेरा ,
जब अपने शहर में अपना मुझे कोई मानता ही नही ।।-
कही गलत में तो नही ,
बस यही खुद से सवाल करते है ।
यू तो सब कुछ भूला दिया मैंने ,
मगर हम अब भी उनका ख्याल करते है ।।-
हम भी दीदार करना चाहेंगे, उन आंखों का ।
जिनमे आज - कल बहुत खटकते है हम ।।-
मुस्कुराया हु कई अरसो के बाद ,
सबको , चेहरे से खुश में भी लगता हूँ ।
अधूरी चीजो से लगाव है बहुत ,
मुझे तेरे बिन अधूरा में भी लगता हूँ ।।-
याद है सब बातें तेरी ,
याददाश्त से अच्छा में भी लगता हूँ ।
तलाश रहा था तुझमे सुकून ,
मगर खामोस अच्छा में भी लगता हूँ ।-
ना तुझसे नाराज हु ,
ना तेरी कोई खता बताई है ।
"नामदेव" ही ह उस सख्स का नाम
जिसने तेरी फिक्र जताई है ।।-
खाली सड़को पर अकेला घूम रहा हु ,
अब किसी का साथ चाहिए ।
इस मौसम से तो बेपनाह मोहब्बत है मुझे ,
मोहब्बत हो किसी सख्स से ऐसा कोई सख्स चाहिए ।।
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जो तेरे साथ गुजरता ह ,
इस पल में वो बात नही है ।
सभी तो साथ ह मेरे ,
बस एक वक़्त ही तो मेरे साथ नही है ।।-