हजार कलम मां के लिए चली होंगी ,
न जाने कितनी बातें आज मां के लिए कही होंगी,
क्या बैठ कर कभी इस दिन के सिवाय मां से कुछ बातें की होंगी
क्या फुर्सत निकाल कर खुद से मां के लिए कुछ कहा होगा
या बस भावनाएं इंटरनेट तक ही सीमित रह गई होंगी...🙂💗-
मुझे आश्चर्य है,
मेरी समझ में सब सरल है फिर
खुद क्यू... read more
मैं अब कृष्ण मे तुम्हे देखती हूं, नही प्रेम नही
करती मैं तुम्हे भक्ती की दृष्टि से देखती हूं...☺️💗
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तुम मुझ से प्रेम करते हो और मैं तुम्हें रोज पीड़ा देती हूं, सच कहूं इस बीच मैं भी रो देती हूं,
पीड़ा के सिवाय कहां कुछ दे पाती हूं, नही हूं तुम्हारी कोई,
बात बात पर आसानी से कह देती हूं, सच ही तो है कैसे कहूं तुम्हे अपना
कैसे बोल दूं मुझे तुम्हारा, नही हो पायेगा, नही कह पाऊंगी, कुछ नही हूं कुछ नही दे पाऊंगी,
मैं कैसे फिर करीब तुम्हारे रहूंगी, रोज घाव होता है रोज समझा कर भर देते हो घाव मेरा...
उसका क्या जो लगती है कुछ नही हूं तुम्हारी, ये वाक्य सुन कर तुम्हारे दिल को चोट
क्यूं पीड़ा दे रही हूं क्यूं करीब रह रही हूं,
मैं तो वो म्यान हो गई जो तलवार को अपने अंदर रख कर जंग लगा रही है
तुम तलवार हो मैं म्यान हूं मेरी वजह से तुम्हे जंग लग रही है सोच कर दिल दुखता है रोज पीड़ा होती है
क्यूं करीब रह रही हूं खुद का सवाल होते हुए खुद के पास कोई जवाब नही होता....🙂💗
पूनम-
तुम्हारे लिए कुछ लिख दूं क्या कहो तो कोई किताब छाप दूं क्या, कौन हो तुम कहां से आए हो तुम कैसे रूह मे समा से गए हो तुम, अरे नही बिल्कुल मत समझना की तुम से प्रेम है मुझे....
होता तो क्या तुम्हे उदास होने देती , तुम कहते हो मुझ से खुशी है तुम्हारी फिर मैं कभी छोड़ जाने की बात करती, नही फिर ये प्यार तो नही है....
अच्छा बता पाओगे क्यूं इतना जुड़ाव है तुम से , मैं तो कहती हूं प्यार नही है तुम से , फिर क्यूं चिढ़ जाती हूं तुम्हारे द्वारा लिए गए कोई नाम से, हां सच मे तकलीफ होने लगती है, दिल चीखता है रूह रोने लगती है, दम घुटने लगता है, मैं फिर भी कहूंगी प्यार नही है तुम से.....
प्यार होता तो क्यूं किसी और की हो जाऊंगी कहती क्यूं किसी से विवाह रचाने की बात करती , नही प्रेम तो नही है,
अच्छा कहूं तो सब न्योछावर कर दूं तुम पर, मैं मांगती नही ऊपर वाले से कभी कुछ हां पर तुम्हारे लिए कह देती हूं कुछ कुछ, नही समझ पाओगे न मैं समझा पाऊंगी, नही हमेशा बंधने के लिए नही कहूंगी, सुनो मैं आज़ाद भी नही कर पाऊंगी, तुम्हे छोड़ भी नही पाऊंगी, सुनो तुम्हे पाना भी नही चाहूंगी, तुम हवा हो मैं तुम्हे हर जगह महसूस कर पाऊंगी...☺️❣️-
वो मेरा नही है , मैं उसके लिए नही हूं, फिर भी उसके रोने से दिल तड़पता है मेरा,
मेरी उदासी से मुरझा जाता है चेहरा उसका, कोई संबंध नही है हमारा,
कोई इरादा गलत नही है हमारा, कोई कहीं से आवाज़ गूंज रही है कहीं नही लिखा साथ तुम्हारा,
तड़प तड़प कर चीख कर स्वीकार कर ही लेगा मन मेरा,
समय फेर लेगा एक दिन भर जायेगा उसका भी घाव भूलेगा नहीं पर स्वीकार कर लेगा,
मेरा यार कुछ तो बदलाव कर लेगा...🙂💗
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लम्हा लम्हा फिसल जाएगा,
तिनका
तिनका तक छूट जाएगा,
मोती , मोती
हर धागे से बिखर जायेगा ,
कुछ नया मिल जायेगा,
तो कुछ पुराना छूट जाएगा,
हर अर्थ एक रोज़ व्यर्थ
मे मिल जायेगा...-
उलझनों का अन्त श्मशान की चौखट पर ही है,
जीते जी तो उलझनें चरम पर रहती हैं....💯-
जिस नदी के किए लहर तट से किनारा कर रही है,
अमल रहे कहीं नदी ही ख़ुद का रुख न बदल ले..💕-
मोहब्बत में खुद का वजूद मिटाना पड़ता है,
घर की इज्जत भी नीलाम करनी पड़ती है,
शायद नही है मुझ में इतना सामर्थ्य की में
इनमे से कुछ भी कर पाऊं,
हूं जब ही इश्क से वंचित हूं...🙂🥀💯-