हसरत नहीं अब मुस्कुराने की
अरमानों के जनाजे से ही फुर्सत नहीं...-
Piyush Shukla
(Piyush Vinod Shukla)
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Advocate, planner, dreamer, achiever, social thinker,
Joined 18 January 2018
17 JUN 2020 AT 14:01
अलख निरंजन भवभय भंजन
जनमन रंजन दाता
हमें शरण दे अपने चरण में
कर निर्भय जग दाता-
21 MAY 2020 AT 13:36
जो ना मिला था अबतक जिंदगी गवाकर
वो सबकुछ पा लिया इक तुझे पाकर
अब कोई आरज़ू ही नहीं रह गई है
ऐसा लगता है खुदा मिल गया मुझे आसमां से आकर-
17 MAY 2020 AT 21:57
जीने की वज़ह वो थी
एक खूबसूरत खता वो थी
जाने अनजाने मिल गए
जैसे खुशी के फूल खिल गए
फिर दिखाई उसने अपनी अदाएं
हम तो बिन जिए ही मर गए
बेचेनिया बढ़ने लगी
उम्र यू ही ढलने लगी
रोते थे बिन आंसू के
समझने में वक्त लगा
मेरी कर्मो की सजा वो थी
ना मेरे जीने की वज़ह वो थी
एक खूबसूरत खता वो थी।-
14 MAY 2020 AT 14:00
तेरा ज़िन्दगी में आना तो सिर्फ बहाना था
क्योंकि तेरा तो कहीं और ही ठिकाना था
तेरे शहर से गुज़रे तो सोचा मंजिल यही है
पर तेरा आना तो मुझे लक्ष्य से भटकाना था।-