piyush kale   (पियुष..✍️)
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Joined 17 November 2019


Joined 17 November 2019
21 MAY AT 0:14

उरावे स्वप्न म्हणूनी मी कधी तुझा रात्री..
त्या रात्रीचे स्वप्न माझे कधी तरी पूर्ण व्हावे..

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19 MAY AT 17:20

आठवणीत रहावे इतके कधी मला जमले नाही...
जमले मला जे ते मी कधी त्याला विसरले नाही...

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6 MAY AT 23:43

भेटावी एकदा कधी तरी तुझा सांजवेळेस रात्र माझी...
पहाटे ची स्वप्न ही कधीतरी तू पूर्ण करशील का माझी...

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6 JAN AT 23:24

दूरियां बोहोत है सपने और हकीकत मैं..
मैं बस खुद को काबिल बनाना चाहता हु...

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2 DEC 2024 AT 19:51

रोक लेता हु खुद,
खुद को तुम्हे याद दिलाने से...
करूं याद तुम्हे मैं,
मैं इतना ही खुद से चाहता हु...

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28 NOV 2024 AT 23:07

इतनी कोशिशें हमने खुद के लिए ना की कभी..
इतनी कोशिशों को बाद भी वो हमारे नहीं हुए...

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25 NOV 2024 AT 23:50

थोड़ी थोड़ी खुशियां बटोरी है मैने जिंदगी मैं..
जो लम्हे साथ तेरे फिर कोई और मैंने गिने नहीं..

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21 NOV 2024 AT 16:03

ज़र जमीन जन्नत, सब कुछ मिल ही जाएगा मुझे,
एक तेरी कमी है, जो मुझे मरने नहीं देगी ।

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18 NOV 2024 AT 21:51

बिछड़े तुमसे तो तारीखें गिनते गए..
उम्मीद इतनी थी के फ़िरसे मुलाकात होगी...

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29 OCT 2024 AT 23:40

हर कोई लौट रहा है घर इस त्यौहार पर..
और मैने उस एक के इंतजार मैं दिए जलाएं रखे है...

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