यूँ बेहक्ति श्वास ले, इस अधीर जीवन का साथ ले,
हम महकती ओढ़नी से तुझे सजीवन लाएंगे।
यूँ धरा से काट के, कुछ पवन से माँगके तुझे नवीनतम पाएंगे।
यूँ धड़कती है धरा अग्नी जीवन सार ले,
आज फिर एक बांड पर उसको सजोन् कर लाएंगे।
यूँ बदलते मौसमों के रंग तुझे दे जाएंगे,
यूँ धड़कते श्वास से एक फूल बन कर जाएंगे।
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