किसे खबर उमर कितनी इस कहानी की बाकी है
एक हवा का झोका आना है और सब पन्नों ने बीखर जाना है
मै किसी पत्ते पे जमी धूल की परत सा हूं
बस ओस पड़नी है और मैंने मिट जाना है-
और दिल की जरूरत ने शायरी की ओर।
Don't make it a game of LIK... read more
When a man is just born, he is weak and flexible. When he dies, he is hard and insensitive. When a tree is growing, it's tender and pliant. But when it's dry and hard, it dies. Hardness and strength are death's companions. Pliancy and weakness are expressions of the freshness of being. Because what has hardened will never win.
- Andrei Tarkovsky-
ताज़्जुब हुआ सुनकर की
वो एक नज़र में शख्सियत पहचान लेता है
शायद ये वो नस्ल ही नहीं की जिससे में मुतासिर रहा हूं
मेरे आगे तो हर शख्स परत दर परत खुला है-
Tajurbe se hua ye ehsaas humko,
Ki yuhi Zindagi basar hoti hai
Har kisi ki ehmiyat uske bichad jane pe mehsoos hoti hai-
सोचो कितनी मुफलिसी में रहा होगा वो शक्स
बस तवज़्जों मांगी थी, वो भी दे ना सका...-
मसला जब भी चरागों का उठा है
फैसला सिर्फ हवा करती है
__Parveen Shakir-
यही रीत है, यही तौर ए ज़िन्दगी होती है
खुशियों का दिन सभी के साथ बांटना है
रात गम की मगर अकेले काटनी होती है-
भले लोग बड़े ही भले होते है
बस शर्त इतनी है कि वो
अपनी पे ना आ जाए-
हा अंधियार है छाया, मगर उम्मीद रखो
फिर से सेहर होगी...
ये वक़्त भी गुजर जाएगा, है मेरी लाख दुआए साथ
तुम्हे छूकर गुजरती हवा ये खबर देगी...
हिम्मत रखो और लड़ते रहो,
ऐसे ही ज़िन्दगी बसर होगी...
हटेगा कोहरा, आएगी रोशनी
चेहरे पे फिर से मुस्कान होगी,
फिर से सेहर होगी.....
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कौनसी बात "कब" "कहा" "कैसे" कहीं जाती है
इस बात का सलीका हो ;
तो हर बात सुनी जाती है
_Waseem Barelvi-