इतना emotionless हो गई हूं ....
कि अब प्याज़ काटते वक्त भी आंसू नहीं आते !-
इन्तहा होने लगे ,
तो इन्तज़ार मत करना ...
भरोसे का इम्तहान होने लगे ,
तो प्यार मत करना !-
तनहा थी निगाहें ,
उन्होंने मुड़कर देखा तो आंखें चार हो गई ...
उनसे हमें इश्क था पुराना ,
मोहब्बत उन्हें भी हमसे इस बार हो गई !
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ग़लतफ़हमी की खुशनसीबी देखो !
लोग इसका शिकार बन जाते हैं ,
बिना कुछ सुने बिना कुछ पूछे...
जब फ़ैसला कर आते हैं ।
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Ye kalam Mera haath thaamkar khud hi chal parti hai...
Jab ye mere mijaz ko mujhse jyada samajhne lagti hai.-
चाय का प्याला मेरे लबों को छूने से कतराता है,
ये कहते हुए कि, मैं कैसे तोड़ दूं नीन्द तुम्हारी
अब तक उसके ख्वाबों में मशगूल ये मुस्कुराता चेहरा ही तो मुझे भाता है !
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तकदीर ने जब हमें एक दूसरे के करीब लाया
दिल में अजीब सा सुकून था तेरे पास होने का,
फिर चाहतें, दूरियों से इनकार करने लगी
क्योंकि मुझे डर था तुझे खो देने का ।
ख्वाब तेरे बंद आंखों की आदत बनने लगे
इंतज़ार होने लगा तुझसे मिलने के बहाने का,
तेरी हर पल की खबर रखना लाज़मी सा लगने लगा
क्योंकि मुझे डर था तुझे खो देने का ।
जानबूझकर रूठ जाया करती थी
ताकि तू इंतजाम करे मुझे मनाने का,
मगर तेरे रूठने पर अश्क रोके न रुकते मेरे
क्योंकि मुझे डर था तुझे खो देने का ।
नादानियों से एक दूसरे की
सिलसिला चला सिखने सिखाने का ,
उस डर की खाई को भर दिया तेरे भरोसे ने
नहीं ! अब डर नहीं तुझे खोने का ।
Piyu Priya
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जिंदगी की भागदौड़ में, अपनों का साथ बाकी रह गया, पैसों के पीछे भागते-भागते, रिश्ते निभाना बाकी रह गया ! हमें खुशी मिलना बाकी रह गया ।
दूसरों को जानने-पहचानने में, खुद को जानना बाकी रह गया , उनकी पसंद के हिसाब से जीते जीते, खुद की तमन्नाएं पूरी करना, बाकी रह गया ! हमें खुशी मिलना बाकी रह गया ।-
ध्यान रहे !
ज़िंदगी हर
फ़िज़ूल में गवाए
वक़्त का हिसाब
तुम्हारे पछतावे से
मांगेगी,
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