लाख सोच लो,
होगा वहीं जो ईश्वर चाहता है,
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मुझे किसी के जैसा नहीं बनना,
वरन् मैं जैसी हूं,
वैसा मुझे कोई अपनाएं यही चाहती हूं,
क्या मेरी यह ख्वाहिश गलत है?
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हम जो चाहते अगर हमें मिल जाता,
तो आज यहां,
सड़कों पर कोई भूखा न सोता।-
अच्छे दिन
खुशियों की कोई तारीख नहीं होती,
मंजिल कब मिलेगी यह किसको पता होता है भला,
फिर क्यों हम सोचते हैं अच्छे दिन आएंगे,
अरे! अपने साथ है घर में सुख शांति समृद्धि का वास है,
खाने को भोजन है पहनने को वस्त्र है रहने को घर है,
तो हर दिन अच्छा है हर दिन शुभ है,
बस खुश रहो खुशियां बांटो,
कल की चिंता में आज को न गंवाओ,
जो है जितना है उसमें खुश रहो,
और सोचो हर दिन अच्छा है और सबका अच्छा बीते।
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क्यों कुछ वक्त हम खुद से बातें नहीं करते?
क्यों कुछ पल खुद के लिए नहीं निकालते?
अरे! जीवन मिला है तो बस काम में उलझे,
कभी शांत तनाव से दूर..खुद से नहीं मिले,
कभी अपने मन का नहीं किया,
बस उलझनों में उलझते रहे और उन्हें सुलझाते रहे,
क्यों आखिर हम इतने तनावग्रस्त हो गये?
जब कभी फुर्सत मिलती करती खुद से सवाल,
और करती मन में विचार,
और ढूंढने लगती उनके जबाव,
लिख अपने जज्बात उन पर घंटों करती विचार,
और रोज शाम करती खुद से एक नयी मुलाकात,
काम की व्यस्तता से दूर कुछ वक्त खुद के लिए निकाल,
मन जिससे खुश होता वो करती,
और मानों अजीब सा सुकून मिलता,
जब ढेरों बातें खुद से करती,
मानों अभी तो खुद को जाना,
अभी तो कुछ अपने लिए किया,
वरना हर रोज बस वही काम में उलझी खुद को थकाती,
और फिर दिन भर भागदौड़ भरी जिंदगी जीती।
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जो बात है सामने रख,
यूं कब तक उखड़ा उखड़ा रहेगा,
अपनो से जुदा जुदा सा,
कहीं खोया हुआ,
कब तक ऐसे जीवित रहेगा।
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प्रयास करने से बड़ी सी बड़ी मुश्किलें हल हो सकती है,
तो क्या तुम यह परीक्षा पास नहीं कर सकते?
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हमारा प्रयास हमेशा जीत हासिल करना होता है,
पर प्रयास करना हार को स्वीकार करने की,
क्योंकि जो झुकता है वहीं एक दिन उठता है,
बुलंदियों को छूने की ताकत रखता है,
क्योंकि जीत कोई मैडल नहीं,
बस एक कदम है आगे बढ़ने की ओर,
और हार एक सबक,
और अधिक मेहनत करने की दिशा में।
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आसान नहीं होगा सफर,
पर यह भी याद रखो,
कोई भी तुम्हारे लिए,
सजी हुई खाने की थाली पेश नहीं करेगा,
मेहनत तो हर हाल में हर कीमत पर करनी होगी,
इसलिए तैयार करो खुद को,
कठिनाइयों का सामना करने के लिए।-