Pinky Bhagat   (Pinky Bhagat)
1.1k Followers · 1.7k Following

Joined 24 August 2018


Joined 24 August 2018
24 MAY 2021 AT 0:33

मुझे नही पता
बीते दिनों हुआ है क्या
मैं इतना बिखरी हूं
तो... आख़िर बिखरी हूं क्यों
सवाल एक नहीं
कई हज़ार है... क्यों
सिमट के ख़ुद में ही
मैं ढूंढती ख़ुद को ही हूं क्यूं
मौसम का हाल ठीक सा तो मालूम होता है मुझे
फिर ये तूफ़ान उठा है क्यों
मैं बिखर रही हूं या बिखर गई हूं
क्या फ़र्क कुछ इसमें अब भी बाकी हैं
चितवन थका रहा है मुझे क्यों
मन अनगिनत आंधियों के झोंके खा रहा है क्यों
पता नही मुझे
ये आख़िर हज़ार सवाल उठा रहा है क्यों

-


14 MAY 2021 AT 20:29

भूलना और बदल जाना तो फितरत है उनकी
बांध कर रखना उन्हें मोहब्बत में... बस आदत है मेरी

-


22 APR 2021 AT 21:21

रूह को छू कर जो आर-पार हो जाए
इश्क़ हो गर तुमसे...तो बस बेशुमार हो जाए

-


22 APR 2021 AT 20:45

अंदर कई तूफ़ान लिए
वो हँस जाती है...

चेहरे पर मुस्कान लिए

-


22 APR 2021 AT 11:00

'साहिर' को पढ़ा
'फ़राज़' को पढ़ा

हमने तो हर नज़्म में
उनके...
सिर्फ़ आपको पढ़ा

-


21 APR 2021 AT 23:09

इश्क़ मुक्क्मिल हो जाए गर,
फिर ईबादत क्या करेंगे

फेरों में बंध ही गए हम,
तो मोहब्बत क्या करेंगे

-


11 OCT 2020 AT 9:57

ज़िन्दगी यूॅं गुज़र गई मंज़िल की खोज़ में
बरसों में रुका नहीं ना जाने किस की खोज़ में

सुन धुन बदरी की जो मैं थर थर कॉंप गया
जाना नहीं मैंने ख़ुद को, अब सब को जान गया

च़रागों से रौशन एक मकां हुआ
आंखों को जलाने वाला वो धुआ हुआ

पैरवी थी बिछड़ने की तुम से मिरी
कि इक साज़िश का मैं भी शिकार हुआ

-


21 SEP 2020 AT 22:14

आज भी शाम गुज़र जाएगी..
रहूंगा मैं तन्हा, और ये रात सिमट जाएगी
मुसाफ़िर हूं मैं भटकता हुआ,
कुछ पल यहां, कुछ वहां ठहर
ये उम्र गुज़र जाएगी..!!

-


14 AUG 2020 AT 19:34

चांद नगर में रहने वाले..!
जाने कब अब तिरा दीदार होगा..!!
मोहब्बत की पतवार सूखी..!
जाने कब बूंदों की बरसात अब होगी..!!
कल्पित मन अभिलाषाएं बड़ी..!
जाने कब कौन सी आस पूरी होगी..!!
अधूरी मिलन की दास्तान हमारी..!
जाने कौन जनम फ़िर अब मुलाक़ात होगी..!!
उलझी सी कुछ रही ज़िन्दगानी मेरी..!
जाने कौन अब कैसे वो किताब पूरी होगी..!!
वो कहते कि लिख दो, मुक़म्मल ए मोहब्बत हमारी..!
जाने कौन के कब अब तुमसे फ़िर मुलाक़ात भी होगी..!!

-


7 AUG 2020 AT 21:23

एक लम्हा भी अरसों में बदलता देखा है..!
कि यूं मैंने मुशायरों को तालियों में रोता देखा है..!!

लिख कर दास्तान ए मोहब्बत अपनी..!
किताबों को बिकता खुले बाज़ार में देखा है..!!

घुंघरुओं की छनकार पर बहकता ये संसार देखा है..!
कि मैंने यूं फिज़ा में मिला इश्क़ का पैग़ाम देखा है..!!

-


Fetching Pinky Bhagat Quotes