नेकी का जो दीप जलाए,
अंधियारा दूर भगाए।
प्यार, दया और करुणा देकर,
हर दिल में जगह बनाए।
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झुमकों की झनकार
झुमके तेरे कानों में झिलमिलाते,
साँझ के दीप जैसे मुस्कुराते।
हवा के संग जब वे लहराते,
जैसे सावन में घुंघरू बज जाते।
सुनहरी किरणों का है उन पर वास,
हर अदा में छलके मधुमास।
तेरी हँसी संग जब झनकते हैं,
दिल के साज़ भी थिरकते हैं।
चाँद भी शरमा जाए उस चमक से,
सुरों में खो जाए उनकी झनक से।
प्यार की भाषा ये बोलते हैं,
हर नजर को बस मोह लेते हैं।
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भावनाएँ नाज़ुक होती हैं, उन्हें ठेस पहुँचाना किसी के दिल को तोड़ने जैसा होता है। हमें हमेशा दूसरों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए और संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए...!!
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खंजर
चमकती धार, लहू से तर,
संघर्षों की है ये खबर।
मोहब्बत में हो या जंग के मैदान,
हर वार करे सीधा असर।
म्यान में छुपा, खामोश खड़ा,
पर चोट करे तो दर्द बड़ा।
हाथ में जिसके ताकत होती,
वो ही इसका हक़दार बना।
कभी वफ़ा का पैगाम लाए,
कभी बने बेवफ़ाई का वार,
खंजर का खेल है सदियों पुराना,
जिसने समझा, वो बचा हर बार।
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फंसा लेती हैं जिंदगी अपने जाल में,
कभी खुशी, कभी ग़म के सवाल में।
कभी हंसाती है, कभी रुलाती है,
हर मोड़ पर नई कसौटी लगाती है।
सपनों की चादर में लपेट कर,
उम्मीदों के दीप जलाती है।
कभी आसान, कभी मुश्किल लगे,
पर हर रोज़ कुछ सिखाती है।
तू मत डर इन उलझनों से,
हर रात के बाद नया सवेरा है।
संघर्ष ही तो पहचान है तेरी,
हर दर्द के बाद सुख घनेरा है।
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जैसा सोचोगे, वैसा बनोगे,
हमारी सोच हमारे कार्यों को
प्रभावित करती है..!!
सकारात्मक सोच रखने से
आत्मविश्वास बढ़ता है
और सफलता की राह आसान होती है..!!-
सम्बन्धों की भीड़ में, कोई अपना ना मिला,
हर चेहरा मुस्कुराया, पर दिल से जुड़ा ना मिला।
रिश्तों की डोर थी, पर मजबूती नहीं थी,
हर कोई साथ था, पर नीयत सच्ची नहीं थी।
चाहा था अपनापन, मगर सौदे हुए,
भावनाओं के बदले, मतलबों के धागे बुने।
भीड़ में चलते-चलते, अकेलापन रह गया,
हर नाम जुड़ता गया, पर कोई अपना न बना।
अब तलाश नहीं, न कोई उम्मीद बाकी,
जो सच्चे हैं, वो बिना शोर भी दिल के पास बाकी।
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ये दिल की पुकार है, बगावत न समझो।
ये जज़्बात सच्चे हैं, कोई खेल नहीं,
मेरे प्यार को तुम अदावत न समझो।
तुम्हारी हंसी में मेरी जान बसती,
मेरे दर्द को तुम रवायत न समझो।
अगर दूर जाना ही मंज़ूर है तुमको,
तो जाने को मेरी नीयत न समझो।
ये दिल का है रिश्ता, कोई सौदा नहीं,
मेरी चाहत को तुम शरारत न समझो।
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अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक होता है,
जब हम किसी चीज़ को खुद करके देखते हैं,
तो उससे मिली सीख हमारे
दिमाग में गहराई से बैठ जाती हैं...!!
1. गलतियों को अवसर माने
2. आत्मचिंतन करे
3. धैर्य रखे
4. अनुभव साझा करे-
दर्द न जाने बेदर्दी, दिल की ये कहानी है,
आँखों में छुपे आँसू, पर चेहरे पे मुस्कानी है।
जख्मों की गहराई को, किसने यहाँ समझा है,
हर कोई यहाँ पर बस, खुद में ही मस्ताना है।
हमने तो चाहा था, कोई अपना सा हमसफ़र,
पर किस्मत ने लिखा दर्द, और तन्हा सा ये सफर।
कह दो उस बेदर्दी से, दर्द का हिसाब दे,
दिल तोड़ा है उसने, अब जवाब दे।
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