PikU   (...PikU...)
2.4k Followers · 368 Following

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया❤
Joined 7 April 2019


छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया❤
Joined 7 April 2019
3 MAR AT 19:10

03 मार्च 2025
प्रिय धानी,
               आज तुम्हें यह ख़त लिखते हुए दिल में भावनाओं का एक ज्वार उमड़ रहा है और इसमे प्यार की गहराई, उम्मीद की चमक और एक हल्की सी शिकायत का दर्द भी है । जब हम पहली बार मिले तब तुम्हारी वो आँखों की गहराई, वो मुस्कान की मासूमियत, वो बातें जो रूह को छु जाती थी, सब कुछ आज भी मेरे दिल में ताज़ा है। तुम जानती हो, जब तुम मेरे साथ होती हो, तब यह दुनिया एक अलग ही रंग में रंग जाती है। वैसे, आजकल तुम थोड़ी गुमसुम सी रहती हो। याद है, तुमने कहा था कि हम जल्दी मिलेंगे, ढेर सारी बातें करेंगे? पर लगता है तुम्हारी याददाश्त थोड़ी कमजोर हो गई है या शायद तुम व्यस्तता के सागर में डूब गई हो, लेकिन कोई बात नहीं मैं इंतजार कर लूँगा, जब तुम पहले जैसे मिट्ठू की तरह चहकने लग जाओगी।
...PikU...

-


21 FEB AT 23:21

तेरी यादों का साया, संग पाया
पूरी पूरी रात, मैं सो ना पाया
साथ चलने की अधूरी चाहत लिए
खुद का भी अब हो ना पाया।





...PikU...

-


29 JAN AT 10:55

29 जनवरी 2025
प्रिय धानी,
              जब जब मैं बहुत परेशान हुआ करता हूँ तुम हर बार अमावस्या की चाँद हो जाया करती हों और तुमको यह कैसे कहूँ कि उस पल तुम्हारी यादें मुझे कितना सताती हैं? तुम्हारी आँखों में खो कर सारे दुःख दर्द भूल जाने का एहसास अभी भी ताज़ा है, लेकिन अब वह सिर्फ एक दर्दनाक याद बनकर रह गया है। तुम्हें याद है, हमने साथ में कितने सपने देखे थे, कितनी दूरियाँ तय की थीं, लेकिन आज उन सपनों के टूटे हुए टुकड़ों को जोड़ने की कोशिश में बस मैं अकेला खड़ा हूँ। कभी कभी मुझे गुस्सा भी आता है तुम्हारे ऊपर, कि तुमने मुझे ऐसे अकेला क्यों छोड़ दिया, लेकिन फिर मुझे तुम्हारा साथ भी याद आता है, जिसने मुझे जिन्दगी को खुल कर जीना सिखाया। वैसे तो मैं बखूबी जानता हूँ, कि शायद तुम यह ख़त कभी नहीं पढ़ोगे, लेकिन मुझे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की जरूरत थी। क्या मुझे टूटे सपनों को जोड़ने की बेकार कोशिश करनी चाहिए.? क्योंकि अन्त में भी तो वह सपने ही रहेंगे।
...PikU...

-


10 JAN AT 20:51

संघर्ष की आग में, दिन रात जलता रहा,
तक़दीर के खेल, मैं हमेशा लड़ता रहा।
उड़ने की चाहत और गिरने का डर लिए
जिंदगी के रास्ते पर, बस अकेले चलता रहा।







...PikU...

-


31 DEC 2024 AT 8:01

31 दिसम्बर 2024
प्रिय धानी,
              मैंने बिना देखें ही तुम्हें अपनी कविताओं में कई मर्तबा उतारा है लेकिन तुम्हें देखने के बाद जब भी कलम उठाता हूँ, मैं केवल तुम्हारी आकाशिय नाक को ही छु पाता हूँ. वैसे यहां तक पहुचना इतना भी सरल नहीं होता क्योंकि तुम्हारी जुल्फें हर बार सरक कर आँखों तक आ जाती हैं और तुम्हारी आँखें विशाल सागर सा है जिसमें हर बार मैं डूब जाता हूँ ठीक उसी तरह जैसे रोज़ शाम दूर क्षितिज पर सूरज डूबा करता है, मेरे थोड़ा बहुत बचने का उम्मीद प्यारी मुस्कान की चमक के पिछे राज़ बनकर छिप जाया करती है। उसके बाद भी मैं बस तुम्हारें बारे में लिखना चाहता हूँ, तुम्हारें अदाओं के हर इक पहलुओं को समझना चाहता हूँ और तुम देखना एक दिन मैं तुम्हारें दिल के सारे राज़ को जान लूँगा। बस एक बात बताओ, धानी... क्या मेरे शब्दों में बसे तुम्हारे प्रतिबिंब ने कभी तुम्हारे दिल के किसी कोने को छुआ है..?
...PikU...

-


27 DEC 2024 AT 19:02

प्यार के सागर में डूबकर, जीवन का सार पाया
बस तुमसे मिलकर ही, हर पल नया संसार पाया
अब हर साँस में नाम तेरा, हर धड़कन में भी प्यार तेरा
तुझसे ही मेरी दुनिया और तुझमें ही सारा संसार मेरा

...PikU...

-


26 DEC 2024 AT 8:03

बंद मुट्ठी में रेत सी, हर रोज़ तुम फिसलते हों।
मेरे हाथ से छूटकर, क्यों धीरे धीरे पिघलते हों।

...PikU...

-


22 DEC 2024 AT 15:35

सूरज की उगती किरण के साथ,
गौरैया की चहचहाहट हो तुम।

दूर होते हुए भी मेरे दिल को,
सुकून देने वाली राहत हो तुम।

चाँदनी रातों में चाँद के पास,
चमकने वाला सितारा हो तुम।

मेरे सिरहाने ख्वाबों से आती,
मधुर आहट हो तुम।

जिसे देख कर रोज़ मुस्कुराऊँ,
वह प्यारी लिखावट हो तुम ।

तुम सर्दी की सुरमई साँझ सी,
इस जिंदगी की आखिरी चाहत हो तुम। ...PikU...

-


14 DEC 2024 AT 17:38

14 दिसम्बर 2024
प्रिय धानी,
हम सबकी ज़िन्दगी का यह सफर कितना भयानक और प्यार से भरा है ! एक तरफ हम सभी प्रेम के इम्तिहान मे शामिल होना चाहते हैं और वहीं दूसरी तरफ प्रेम के बुनियादी पड़ाव में ही अनुत्तीर्ण होने के डर से, मुरझाई उम्मीद को अपने अकेले रास्तो का राही बनाकर खुद को बहुत दुर्बल बना लेते हैं। वैसे मैं भी इस समय उतना ही कमज़ोर महसूस कर रहा हूँ जितना तुम मुझे छोड़ते समय सशक्त थी और अब तो लगता है कि प्यार एक बड़ा सा तूफ़ान हैं जो इसके प्रभाव मे आने वालों को लगातर बहाकर अपने साथ ले जाता है क्योंकि आज भी मैं तैयारी में उलझा रोज़ सुबह शाम हर पल तुम्हारी तस्वीर का दीदार कर तुमको पढ़ने की नाकाम कोशिश करता हूँ । तुमको क्या लगता है, इस बार मैं उत्तीर्ण हो जाऊँगा..? या किसी समय हकदार होने के एहसास के साथ ही जीना पड़ेगा.?


...PikU...

-


11 DEC 2024 AT 9:07

मंज़िल तक लाकर, छोड़ दिया उसने
हजार सपने दिखाकर, दिल तोड़ दिया उसने
उम्र भर साथ चलने का वादा करके भी
मेरी नजदीकियों से ही, मुह मोड़ लिया उसने...






...PikU...

-


Fetching PikU Quotes